अंबिकापुर।भारतनिर्वाचन आयोग द्वारा प्रायोजित एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय छत्तीसगढ़ द्वारा निर्देशित सरगुजा संभाग के लिए मतदाताओं के ज्ञान और अभ्यास का इंडलाइन सर्वेक्षण -बृहद अनुसंधान परियोजना आज राज्य निर्वाचन आयोग को प्रेषित किया।

सरगुजा संभाग के 6 जिलों के 14 विधानसभा क्षेत्रों के समाज विज्ञान में प्रचलित प्रणाली के आधार पर चयनित मतदाताओं से 14 पृष्ठीय विभिन्न बिंदुओं पर निर्वाचन से संबंधी ज्ञान, अभिरुचि और अभ्यास का एक व्यापक सर्वेक्षण कार्य किया गया था। जुलाई 2024 में राज्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर को नोडल एजेंसी बनाते हुए यह महत्वपूर्ण कार्य सौपा गया था। प्राचार्य डॉक्टर रिजवान उल्ली महाविद्यालय स्तर पर 4 सदस्य अनुसंधान समिति का गठन करते हुए इसका मुख्य अन्वेषक डॉ अनिल कुमार सिन्हा विभागाध्यक्ष भूगोल को बनाते हुए डॉ. उमेश कुमार पांडे हिंदी विभाग, डॉ. तरुण राय विधि विभाग तथा प्रो. विनीत कुमार गुप्त राजनीति विज्ञान विभाग सा निवेदक का दायित्व देते हुए कार्य पूर्णता का लक्ष्य प्रदान किया। इस हेतु 6 जिलों में सीनियर प्राध्यापक को जिला सुपरवाइजर तथा सरगुजा संभाग के 14 विधानसभा क्षेत्र के लिए तीन-तीन मैदानी सर्वेक्षणकर्ता हेतु सहायक प्राध्यापकों को नियुक्त किया गया। सर्वेक्षणकर्ताओं द्वारा प्रश्नावली के आधार पर सभी विधानसभाओं से जानकारी एकत्रित की गई तथा उन्हें एस पी एस एस सॉफ्टवेयर के माध्यम से आंकड़ों को सारणी में बदलते हुए विभिन्न औसत ,प्रतिशत भी ज्ञात किए गए। सॉफ्टवेयर का अनुप्रयोग करने के लिए विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग महाविद्यालय के मैनेजमेंट विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रबीन थॉमस का भी महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त किया गया। महाविद्यालय स्तरीय अनुसंधान समिति ने निर्धारित समय सीमा में सरगुजा संभाग का इंडलाइन अनुसंधान परियोजना आज प्राचार्य डॉ रिजवान उल्ला को सौंप दिया। इंडलाइन सर्वेक्षण वास्तव में भारत निर्वाचन आयोग की एक बृहद अनुसंधान परियोजना होती है जिसमें विगत विधानसभा अथवा लोकसभा के संपन्न हुए चुनाव के आधार पर मतदाताओं से यह जानने का प्रयास किया जाता है कि चुनाव की सुविधाओं, चुनाव की निष्पक्षता, चुनाव में भय और प्रलोभन, उम्मीदवारों के बारे में निर्णय लिया जाना कैसे तय करते हैं, इस तरह के  अनेकानेक बिंदुओं पर जानकारी एकत्रित की जाती है ताकि आने वाले चुनाव में उन समस्याओं को ध्यान में रखकर उसके लिए नई नीति बनाई जा सके तथा चुनाव सुधारो के लिए प्रेरणा मिल सके।

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