पशुओं के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाये-डॉ. महंत राम सुन्दर दास
बलरामपुर: पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर राजेश्री डॉ. महन्त रामसुन्दर दास की अध्यक्षता में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं पशु क्रूरता निवारण समिति के सदस्यों की उपस्थिति में बैठक का आयोजन संयुक्त जिला कार्यालय भवन के सभाकक्ष में किया गया। बैठक में पशुओं के विरुद्ध होने वाले क्रूरता को रोकने हेतु आम जनता में जनजागरूकता फैलाने एवं पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के अंतर्गत आने वाले धाराओं एवं पशु क्रूरता करने वाले अपराधियों के विरुद्ध दंड के प्रावधानों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। डॉ. महंत ने समिति के सदस्यों से पशुओं के मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए कार्य करने को कहा।
गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. महंत रामसुन्दर दास ने कहा कि गोधन न्याय योजना और गौठान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना में से एक है। राज्य सरकार गौ वंश एवं गोधन के विकास का संकल्प लेकर कार्य कर रही है। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को प्राथमिक स्कूल की कक्षाओं में पशुओं के प्रति प्रेमपूर्ण व्यवहार आधारित कहानियों का पाठ, प्रतियोगिताओं का आयोजन के संबंध में निर्देश दिए, जिससे बचपन से ही विद्यार्थियों के मन में पशुओं के प्रति प्रेमभाव की शिक्षा बनी रहे। जिले में पशु क्रूरता रोकने के लिए एवं गौ माता के सम्मान के लिए जन सामान्य को आगे आने का आह्वान अध्यक्ष द्वारा किया गया साथ ही जन सामान्य को पशु क्रूरता क्या है? के विषय पर संक्षेप में बताते हुए जागरूक रहने, अन्य लोगों को पशु क्रूरता करने से रोकने में सजग रहने एवं गौमाता से प्रेम रखने की अपील की गई। जिले के सभी पशु पालकों को संबोधित करते और शास्त्रों में लिखी हुई बातों को याद दिलाते हुए अध्यक्ष ने कहा यद्यपि एक समय बाद पशु (गौमाता) अनुत्पादक हो जाते है तब भी उनसे गोबर प्राप्त होता है वे उपयोगी होते है, इसलिए उन्हें यूंही बाहर घूमने न छोड़ने एवं उनको अपने घर में रखकर देखरेख करने की अपील की, ऐसा करने से सड़क दुर्घटना में भी कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि साल में कम से कम तीन बार पशु क्रूरता समिति की बैठक का आयोजन होना चाहिए। उन्होंने जिले में विभिन्न ग्रामों में पशुओं के लिए मुक्तिधाम बनाने, उपचार के लिए दवाइयों के स्टॉक बनाकर रखने, नए गौशाला बनाने, रूवाआवास बनाने की जरूरतों को पूरा करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर कुन्दन कुमार ने जिले एवं जिले की सीमाओं में होने वाली तस्करी एवं क्रूरता को रोकने के लिए अथक प्रयास करने के निर्देश जिले के पशु क्रूरता निवारण समिति के सदस्यों को दिये। कलेक्टर ने पशुधन विकास विभाग को एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम को शुरुवात करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न विभागों से सामंजस्य दिखाते हुए पशुओं के विरुद्ध होने वाले अत्याचारों एवं अपराधों को रोकने के लिए सामने आकर अपने दायित्वों को निभाते हुए पशुओं के विरुद्ध होने वाले अत्याचारों को रोकने की बात कही।
पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू द्वारा विभिन्न विकासखंडों में स्थित पुलिस थानों के द्वारा तस्करों को रोकने के प्रयासों की सराहना की गई और आगे भी प्रयासरत रहने की जरूरत बताया। उन्होंने कहा पशु क्रूरता रोकने हेतु जनजागरूकता की आवश्यकता है। पुलिस के साथ समाज के लोगों को भी इसे रोकने में सहयोग करनी चाहिए। उन्होंने पशुधन विकास विभाग से पशु तस्करी में पकड़ते गए पशुओं का गौशाला में विस्थापन संबंधी जिम्मेदारी निभाने में पशुधन विकास विभाग से सहयोग की आपेक्षा की।
उप संचालक पशु धन विभाग डॉ.बी.पी.सतनामी ने बताया कि जिले में पशु संगणना 2020 के अनुसार 8 लाख 92 हजार 903 पशुधन एवं 3 लाख 13 हजार 592 पक्षीधन है। छत्तीसगढ़ कृषिक पशु परिरक्षा अधिनियम का उल्लंघन करने पर 7 वर्ष का कारावास व 50 हजार के जुमाने से दंडित किया जा सकता है।
बैठक में राज्य गौ सेवा आयोग के सदस्य अटल यादव, अपर कलेक्टर एस.एस.पैंकरा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन प्रशांत कतलम, कार्यकारिणी समिति के सदस्य, जिला शिक्षा शिक्षा अधिकारी के.एल.महिलांगे, मुख्य नगर पालिका अधिकारी सुमित कुमार गुप्ता, अशासकीय सदस्य विनोद तिवारी, इन्द्रजीत दीक्षित, परमेश्वर गुप्ता, रामचन्द्र यादव, गणमान्य नागरिक राजेन्द्र तिवारी सहित जिले के थाना प्रभारी, पशुधन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।