बलरामपुर।बलरामपुर जिले के राजपुर गांधी चौक पर डॉ.आरसीपी अम्बष्ठ ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया।डॉ.आरसीपी अम्बष्ठ ने इस अवसर पर गांधी चौक पर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों उनके परिजनों तथा बच्चों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। इसके पश्चात व्यवहार न्यायालय में न्यायाधीश आलोक पांडे, नगर पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी रविंद्र लाल, जनपद पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल तिवारी, वन विभाग कार्यालय में एसडीओ आरएसएल श्रीवास्तव, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीएमओ डॉ. रामप्रसाद तिर्की, राजपुर थाना में उप निरीक्षक के.एस. पैकरा, कोटागहना पेट्रोल पंप में पुष्पा देवी अग्रवाल ने ध्वजारोहण किया। इसके पश्चात शासकीय कार्यालय में ध्वजारोहण किया गया।
रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल पतरातु में कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि जवाहर गुप्ता व शशिकला भगत की गरिमामयी उपस्थिति रही। ग़ौरतलब है कि आज ही के दिन हमारे देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था। तब से राष्ट्रीय पर्व के रूप में गणतंत्र दिवस मनाने की परम्परा स्थापित हुई। सबसे पहले राष्ट्रीय तिरंगा ध्वज फहराया गया। संचालन का दायित्व कक्षा 11वीं की छात्रा एंजेल एक्का और ओजस्वी त्रिपाठी ने संभाला। इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों ने सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेकर अपनी मनमोहक प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध किया। शिक्षक मोहम्मद मनव्वर ने संविधान लागू होने के क्रम पर सारगर्भित और महत्वपूर्ण बातें रखीं तथा वर्तमान सामाजिक परिदृश्य को मद्देनज़र रखते हुए गणतंत्र होने का भाव सभी से साझा किया।मुख्य अतिथि शशिकला भगत ने विद्यालय में अध्ययन कर रहे बच्चों के सर्वांगीण विकास तथा उनकी उपलब्धियों पर ख़ुशी ज़ाहिर कीं। वहीं जवाहर गुप्ता ने देशभक्ति गीत सुनाकर वातावरण खुशनुमा कर दिया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्राचार्य आशुतोष झा ने सबको धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मानवीय मूल्यों के प्रति बच्चों को जागरूक करने का प्रयास किया और बताया कि डीएवी विद्यालय न सिर्फ अपनी शैक्षिक गुणवत्ता के कारण जाना जाता है, बल्कि बच्चों की प्रतिभाओं को निखारने और उनके बेहतर भविष्य निर्माण के विभिन्न सोपानों को हासिल करने संबंधी गतिविधियों के लिए भी अपना अलग और ख़ास मुकाम रखता है। इस दौरान विद्यालय के समस्त शिक्षकों व गैर-शिक्षकीय कर्मचारियों का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से बड़ा और महत्वपूर्ण सहयोग बना रहा।