बलरामपुर: कलेक्टर राजेंद्र कटारा के मार्गदर्शन में जिले में नशा मुक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। इसी कड़ी में जिले के समस्त हाई एवं हायर सेकेंडरी विद्यालयों में नशा मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विद्यालयीन बच्चों को बताया गया कि वर्तमान समय में नशा मनुष्य के नाश का कारण बन चुका है। ऐसे में सबकी जिम्मेदारी है कि स्वयं भी नशे से दूर होकर अन्य लोगों को भी नशा से दूर रहने के लिए जागरूक करें। कार्यक्रम में बताया गया कि नशे के कारण होने वाले दुर्घटना से सिर्फ आर्थिक ही नहीं बल्कि शारीरिक व मानसिक रूप से भी क्षति होती है। नशा समाज के लिए भी हानिकारक व नुकसानदायी है। जो भी नशे की समस्या से जूझ रहे है उन्हें सकारात्मक विचार अपनाने, योगाभ्यास, व्यायाम करने, विशेषज्ञ से सलाह लेने, खुद में व्यवहार परिवर्तन कर अच्छी आदतें को अपनाने की जरूरत है। उन्हें जानकारी दी गई कि बलरामपुर मुख्यालय के मिशन रोड में केंद्र में नशा पीड़ितों के लिए निःशुल्क उपचार, पुनर्वास और काउंसलिंग सेवाएं प्रदान की जाती है। वर्तमान में केंद्र में 15 बिस्तरों की आवासीय सुविधा उपलब्ध है, जहां पीड़ितों को समुचित देखभाल और आवश्यक चिकित्सीय सहायता दी जाती है। खासकर युवाओं से अपील करते हुए कहा कि ऐसे जो नशे की समस्या से जूझ रहे है। उन्हें केंद्र के बारे अवश्य बताएं इससे जिले में नशे की समस्या से जूझ रहे लोगों को बेहतर सहायता मिल पाएगी। नशा मुक्ति कार्यक्रम अंतर्गत विद्यार्थियों के द्वारा अपने-अपने विद्यालय के आस-पास के पारे मोहल्ले में नशा मुक्ति अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम चलाते हुए ग्रामीणों को नशा से विमुक्त होने रैली निकाली गई। इसके साथ ही कोटपा एक्ट अंतर्गत विद्यालय के 100 मीटर तक नशे की सामग्री न बेचे जाने की भी अपील की और बच्चों एवं ग्रामीण महिलाओं को नशा से विमुक्त करने हेतु सक्रियता से भाग लेने का शपथ कराया।