बलरामपुर। बलरामपुर जिले के राजपुर का धंधापुर पंचायत का पकरीडांड और लिपलिपिडांड गांव। यहां शाम होने से पहले ही लोग घरो में पहुंच जा रहें हैं और अंधेरा होने से पहले ही घरो में रात में खाना बन जा रहा है। अंधेरा होने तक लोग रात का भोजन कर लें रहें हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ दिनों ने जंगली हाथियों का एक दल इनके गांव तक पहुंच जा रहा है और लोगो को इस बात का डर बना हुआ है कि रात में वे सो जायेंगे तो हाथी उनके कच्चे मकानों को ज़ब तोड़ेगा तो वे मलबा में दब जायेंगे। ऐसे में वे रात में घर के बाहर कड़कडाती ठंड में आग जलाकर रतजगा कर रहें हैं। यहां हाथियों का खौफ इतना है कि महिलाए छोटे बच्चों को लेकर रात भर जग रही हैं। वहीं वन अमला ग्रामीणों को जंगल नहीं जाने और हाथियों से सतर्क रहने अपील कर रहा है। लिपलिपीडांड निवासी जगरनाथ प्रजापति बताते हैं कि हाथियों के कारण उनके बस्ती के लोग गन्ना की खेती नहीं करना चाहते हैं क्योंकि यहां हाथी हर साल आता है और फसलों को भी बर्बाद करता है। मुआवजा भी इतना नहीं मिलता कि लागत वसूल हो सके। कल तो शाम सात बजे से लेकर रात डेढ़ बजे तक हाथी लिपलिपिडांड में रामनाथ पैकरा के फ़सल को बर्बाद कर रहें थे। इसके कारण वे भी घर के बाहर रतजगा करते रहे क्योंकि खेत घर के पास ही है।

हाथियों का यह दल नरसिंहपुर में था जहां करेंट लगने से एक की मौत हों गई थी। इसके बाद हाथियों का यह दल इस इलाके से आगे नहीं बढ़ रहा था लेकिन मंगलवार की देर शाम लिपलिपिडांड जंगल से उधवाकठरा की तरफ बढ़ा है। माना जा रहा है कि हाथी लुंड्रा इलाके की तरफ जा सकते हैं। वन अमला निगरानी में लगा हुआ है। दल में हाथियों के बच्चे भी हैं।

रेंजर महाजन साहू ने बताया कि हाथियों की सतत निगरानी किया जा रहा है। लोगो को सतर्क किया गया है, वन कर्मचारी रात भर जग रहें हैं। हमारी कोशिश है कि जनहानि न हो और लोग हाथियों को खुद न खदेडे।

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