बलरामपुर: जिले के धान खरीदी केन्द्रों में प्रशासन की समुचित व्यवस्था से किसान आसानी से अपना धान विक्रय कर रहे हैं। प्रशासन ने जिले के 42 उपार्जन केन्द्रों में नोडल व सहायक नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर सुचारू रूप से धान खरीदी की व्यवस्था सुनिश्चित की है। प्रशासन ने सर्वप्रथम लघु व सीमांत किसानों को टोकन प्रदाय कर उनसे धान खरीदी कर रही है तथा खरीदी उपरांत रकबा समर्पण भी कराया जा रहा है। कलेक्टर कुन्दन कुमार के निर्देश पर सभी उपार्जन केन्द्रों पर टोकन, तौल, नमी मापन, साथ ही किसानों के लिए पेयजल, बैठक तथा स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की गई है। ज्ञात है कि इस वर्ष उपार्जन केन्द्रों में कोविड जांच व टीकाकरण के साथ-साथ सामान्य गैर संचारी रोगों की जांच की भी व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है।धान उपार्जन केन्द्र भंवरमाल में धान बेचने आये किसान सुभाष विश्वास बताते है कि उन्होंने 02 दिसम्बर को टोकन लिया था और वे आज धान बेचने आये हैं। उन्हें उपार्जन केन्द्र में प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था से संतोष है। सुभाष ने 63 क्विंटल धान बेचा है तथा राज्य सरकार द्वारा बारदाना की कीमत बढ़ाकर 25 रूपये करने से भी वे खुश हैं। वही धान बेचने आये किसान विश्वजीत ने भी सुभाष की बात से सहमति जताते हुए कहा कि प्रशासन ने इस वर्ष सुविधाएं बढ़ाई है तथा किसानों के हितों का ध्यान रखा गया है। धान उपार्जन केन्द्र तातापानी में पहुंचे किसान नन्दलाल सिंह खुशी-खुशी बताते है कि आज उन्होंने अपनी उपज का विक्रय कर दिया है। टोकन से लेकर धान बेचने तक उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई और उपार्जन केन्द्र में लगे स्वास्थ्य शिविर में उन्होंने अपना कोविड जांच भी करा लिया। धान बेचने आये किसानों को उपार्जन केन्द्र में अपना उपज बेचने के साथ-साथ उपचार की सुविधा मिलने से खुशी है।उपार्जन केन्द्रों में नियुक्त नोडल व सहायक नोडल भी प्रशासन के निर्देशानुसार धान के आवक पर कड़ी निगरानी कर रहे हैं तथा बिचौलियों और कोचियों के हर प्रयास को शून्य किया जा रहा है तथा धान के अवैध परिवहन व संग्रहण पर भी कार्यवाही जारी है। वहीं प्रशासन द्वारा समिति में धान बेचने आये किसानों की हर संभव मदद की जा रही है तथा उनके बैठने व पेयजल की व्यवस्था भी उपार्जन केन्द्रों में की गई है। शासन के मंशानुरूप सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किसानों की समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है तथा प्रशासन के सहयोगपूर्ण व्यवहार से किसानों का भी भरोसा बढ़ा है और किसान अपना उपज आसानी से बेच पा रहे हैं।

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