रायपुर: ईडी ने छत्तीसगढ़ के एक आइएएस समीर विश्नोई समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी बुधवार को समीर विश्नोई और उनकी पत्नी को लेकर गई थी। आज समीर के अलावा व्यापारी सुनील अग्रवाल तथा लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है।
इधर, रायगढ़ की कलेक्टर रानू साहू दो दिन बाद रायगढ़ पहुंच गई हैं। उनकी अनुपस्थिति में ईडी ने उनका सरकारी बंगला सील कर दिया था और स्टाफ की छुट्टी कर दी थी। राून साहू ने कहा है कि वह एक छोटा आपरेशन कराने के लिए हैदराबाद गई थीं। ईडी को सहयोग करने को तैयार हैं। आज ईडी उनसे पूछताछ कर सकती है। ईडी के यह छापे कोयले के कारोबार में घोटाले से संबंधित बताए जा रहे हैं। अभी इस मामले में कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने प्रदेश के तीन आइएएस सहित 16 कारोबारियों के ठिकानों पर लगातार दूसरे दिन भी जांच की। रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित आफिसर्स कालोनी से आइएएस समीर बिश्नोई और उनकी पत्नी को ईडी की टीम पूछताछ के लिए अपने साथ लेकर गई है। एक अन्य आइएएस जयप्रकाश मौर्या को भी हिरासत में लिए जाने की सूचना है। यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उनकी गिरफ्तारी की गई है या नहीं।
वहीं, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के घर को ईडी की टीम ने सील कर दिया है। रानू अपने घर में नहीं थी। बताया जा रहा है कि उनके वापस आने के बाद एक बार फिर ईडी की टीम जांच करेगी। ईडी के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो अब तक सभी ठिकानों से जांच के दौरान दस करोड़ से ज्यादा नगदी और ज्वेलरी मिली है। महासमुंद में एक कारोबारी की गाड़ी से छह करोड़ स्र्पये नकद बरामद किए गए हैं।
ईडी के आला अधिकारियों ने बताया कि पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, बादल मक्कड़, सन्नी लूनिया, अजय नायडू के आवास में जांच पूरी हो गई है। ईडी की टीम बुधवार देर शाम को यहां से लौट आई है। बताया जा रहा है कि कुछ कारोबारियों को पूछताछ के लिए उपस्थित होने का ईडी ने नोटिस दिया है। कोयला कारोबार से जुड़े सुनील अग्रवाल, शराब कारोबारी प्रिंस भाटिया के ठिकानों पर देर रात तक जांच चलती रही। यहां से ईडी की टीम को मनी लांड्रिंग से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।कारोबारियों ने शैल कंपनी में निवेश दिखाकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की है। कोलकाता और ओडिशा की शैल कंपनी के दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिसकी जांच ईडी की टीम करेगी। गौरतलब है कि राज्य के खनिज विभाग ने जुलाई में कोयला कारोबार से जुड़ी कुछ कंपनियों में गड़बड़ी मिलने के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कराया था, जिसके आधार पर ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है।