अंबिकापुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने शुक्रवार सुबह बलरामपुर जिले के बड़े ठेकेदार के अंबिकापुर स्थित निवास में छापा मारा। यह मामला भी डीएमएफ घोटाले से जुड़ा हुआ है। अशोक अग्रवाल (कोढ़ी) करोडों की संपत्ति के मालिक हैं और यह संपत्ति उन्होंने कुछ सालों में अर्जित की है। बलरामपुर से लेकर बस्तर तक उनका ठेके का काम है एवं डीएमएफ में बड़ी संख्या में उन्हांने काम किया है।



जानकारी के मुताबिक, ईडी के आठ अधिकारियों की टीम शुक्रवार सुबह दो वाहनों में अंबिकापुर के रामनिवास कॉलोनी स्थित अशोक अग्रवाल के घर पहुंची और जांच की कार्रवाई शुरू की। अशोक अग्रवाल एवं परिवार के अन्य सदस्यों को बाहर निकलने या किसी से बात करने पर प्रतिबंधित कर दिया गया है। अशोक अग्रवाल मूलतः बलरामपुर जिले के राजपुर के निवासी हैं, लेकिन वे लंबे समय से अंबिकापुर में निवासरत हैं।


कुछ सालों में अर्जित की करोड़ों की संपत्ति
अशोक अग्रवाल पहले भाजपा से जुड़े थे एवं भाजपा शासनकाल में वे रामविचार नेताम के करीबी थे। कांग्रेस शासनकाल में वे अमरजीत भगत से जुड़ गए। उन्होंने डीएमएफ मद से बड़ी संख्या में ठेका एवं सप्लाई का काम किया। उनका काम बलरामपुर, सरगुजा, कोरबा, बस्तर जिलों तक फैला हुआ है।

कई स्थानों पर एक साथ छापे
सुबह ही ईडी की टीम ने कोरिया जिले बैकुंठपुर में जनपद सीईओ राधेश्याम मिर्झा के ठिकाने पर छापा मारा। राधेश्याम मिर्झा बैकुंठपुर के जल संसाधन विभाग के रेस्ट हाउस में रह रहे थे। तड़के दो गाड़ियों में पहुंची ईडी की टीम ने जलसंसधान रेस्ट हाउस में पहुंच उन्हें उठाया और जांच शुरू की। मामला राधेश्याम मिर्झा के कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा में पदस्थापना के दौरान का बताया गया है।

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