अंबिकापुर/बलरामपुर।कांग्रेस ने 53 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। विधानसभा सामरी से कांग्रेस से प्रत्याशी ग्राम चिता भुनेश्वपुर शंकरगढ़ निवासी विजय पैंकरा वर्तमान में जनपद पंचायत सदस्य व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के पद पर पदस्थ है। भाजपा से प्रत्याशी उदेश्वरी पैंकरा है। विधानसभा रामानुजगंज से अंबिकापुर निवासी कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अजय तिर्की है। भाजपा से प्रत्याशी पूर्व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम है। विधानसभा लुंड्रा से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. प्रीतम राम है।भाजपा से प्रत्याशी प्रबोध मिंज हैं।
आपको बता दे छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों पर दो चरण में मतदान हुआ था। पहले चरण के लिए 12 नवंबर (18 सीटें), दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर (72 सीटों पर मतदान हुआ। 2018 में राज्य में कुल 74.17 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतगणना में राज्य में कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में लौट थी। छत्तीसगढ़ के विधानसभा सामरी क्षेत्र से कांग्रेस के चिंतामणि महाराज ने बीजेपी के सिद्धनाथ पैकरा और बसपा से मिताकू खाखा को आसान मुकाबले में हरा दिया था। कांग्रेस 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के इस गढ़ में सेंधमारी करने में कामयाब रही थी।
सामरी विधानसभा सीट पर कौन तय करता है जीत और हार
सामरी विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। यहां करीब 65 -70 फीसदी अनुसूचित जनजाति के लोग हैं। इनमें गोंड, कंवर, उरांव और खैरवार जनजाति के लोग अधिक हैं। यहां पहाड़ी कोरवा, कोड़ा, कोरिया पंडो, उरांव, नगेसिया, भुईहर जनजाति के लोग रहते हैं। यहां करीब 25 -30 फीसद आबादी ओबीसी और सामान्य लोगों की है। इस सीट पर कंवर जनजाति के उम्मीदवारों पर ही कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों का फोकस रहता है। कंवर जनजाति के उम्मीदवार ही यहां से जीत हासिल करते रहे हैं। साल 2003 और 2008 में यहां से भाजपा के टिकट पर सिद्धनाथ पैकरा चुनाव जीतकर विधायक बने थे। साल 2013 में कांग्रेस से डॉक्टर प्रीतम राम ने जीत हासिल की थी वहीं साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चिंतामणि महाराज विधायक बने। 2018 में विधानसभा सामरी से चिंतामणि महाराज को 80620 वोट मिले थे वही सिद्धनाथ पैंकरा को 58697 वोट मिले थे जीत का अंतर 21923 से मात दी थी। विधानसभा रामानुजगंज से कांग्रेस बृहस्पति सिंह को 64590 वोट मिले थे वही भाजपा से रामकिशुन सिंह को 31580 वोट मिले थे जीत का अंतर 33000 वोट से मात दी थी। विधानसभा लुंड्रा से कांग्रेस से डॉ. प्रीतम राम को 77773 वोट मिले थे वही भाजपा से विजय नाथ सिंह को 55594 वोट मिले थे जीत का अंतर 22179 वोट से मात दी थी।
सामरी विधानसभा में अब तक 13 चुनाव हुए, 6 बार बीजेपी और कांग्रेस को 3 बार जीत मिली
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले की विधानसभा सामरी सीट फिलहाल कांग्रेस के कब्जे में था। विधानसभा सामरी सीट की बात करें तो यहां के पहले विधायक जय राम बने थे। साल 1962 में हुए विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हुए जय राम ने कांग्रेस प्रत्याशी घासी को मात देकर जीत दर्ज की थी। जय राम ने तब 1758 वोट के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया था। इसके बाद हुए चुनाव में भी कांग्रेस की स्थिति कुछ खास नहीं रही और 1967 से लेकर 1980 तक के चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था।
चिंतामणि महाराज ने सिद्धनाथ पैंकरा को 21923 वोट से मात दी थी
वर्तमान में यहां के विधायक चिंतामणी महराज थे जिन्होंने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सिद्धनाथ पैकरा को 21923 वोट से हराकर शानदार जीत दर्ज की थी। साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ प्रीतम राम ने बीजेपी के सिद्धनाथ पैकरा को 31823 वोट से हराकर चुनाव जीता था। इसके पहले साल 1985 में हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी महेश्वर राम ने कांग्रेस को पहली बार सामरी विधानसभा में जीत दिलाई। उन्होंने भाजपा के लारंग साय को 8283 वोट के अंतर से हराया था। लगातार दो चुनाव जीतने वाली कांग्रेस पार्टी के यहां हौसले बुलंद हैं। लेकिन आंकड़ों पर जाएं तो यहां हमेशा से ही बीजेपी का पड़ला भारी रहा है।
सामरी से बीजेपी ने 6 बार दर्ज की है जीत
विधानसभा सामरी में अब तक 13 विधानसभा चुनाव हुए हैं। इसमें से भारतीय जनता पार्टी ने 6 बार जीत दर्ज की थी। भाजपा को 1980 में पहली जीत लरंग साय ने दिलाई। लरंग साय 1967 में भारतीय जन संघ से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 1990 में भाजपा से अमिन साय चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। 1993 में हुए चुनाव में भी भाजपा के प्रत्याशी अमिन साय रहे और उन्होंने कांग्रेस के बहादुर राम को हराया। 1998 में सोहन लाल ने भाजपा से चुनाव लड़ा और जीते। 2003 और 2008 में भाजपा से सिद्धनाथ पैकरा चुनाव जीते थे।
लरंग और अमिन साय 3-3 बार जीते
विधानसभा विधानसभा ने अब तक 13 विधायक दिए हैं। इसमें से लरंग साय और अमिन साय ने 3-3 बार जीत दर्ज की है। हालांकि दोनों हैट्रिक लगाने से चूक गए। लरंग साय साल 1967, 1972 और 1980 में विधायक बने। इसी तरह साल 1977, 1990 और 1993 के चुनाव में जीत दर्ज कर अमिन साय विधायक बने थे।
विधानसभा सामरी सीट में कौन कब रहा विधायक
वर्ष विधायक पार्टी देखिए ?
1962 जय राम निर्दलीय
1967 लरंग साय बीजेएस
1972 लरंग साय बीजेएस
1977 अमिन साय जेएनपी
1980 लरंग साय बीजेपी
1985 महेश्वर राम कांग्रेस
1990 अमिन साय बीजेपी
1993 अमिन साय बीजेपी
1998 सोहन लाल बीजेपी
2003 सिद्धनाथ पैकरा बीजेपी
2008 सिद्धनाथ पैकरा बीजेपी
2013 डॉ. प्रीतम राम कांग्रेस
2018 चिंतामणी महराज कांग्रेस