रायपुर: उद्योग विभाग के एडिशनल डायरेक्टर प्रवीण शुक्ला के खिलाफ पॉलीटिकल फंडिंग की शिकायत हुई है। इस पूरे मामले में चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
सामाजिक संस्था युवा जागृति मंच ने पिछले दिनों केन्द्रीय चुनाव आयोग को मय दस्तावेजों के साथ एडिशनल डायरेक्टर की शिकायत की थी ।
आयोग के पत्र के बाद अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी ने उद्योग सचिव को पत्र लिखकर शिकायतों पर रिपोर्ट मांगी है। शिकायतों में यह बताया गया है कि प्रवीण शुक्ला पिछले 23 साल से कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह कार्य करते रहे हैं। इनमें से 20 साल क्रमश: जोगी सरकार में तत्कालीन उद्योग मंत्री महेन्द्र कर्मा, फिर नेता प्रति पक्ष के रूप में रविन्द्र चौबे के विशेष सहायक और फिर टी एस सिंहसिंदेव के विशेष सहायक रहे हैं। कांग्रेस सरकार में वो सी एम भूपेश बघेल के ओएसडी भी रहे। बाद में उन्हें निजी पदस्थापना से हटा कर मूल विभाग उद्योग संचालनालय में पदस्थ रहे।
शिकायत में यह कहा गया कि शुक्ला पॉलीटिकल फंडिंग, अनिल टुटेजा के मार्फत एकत्र कर पार्टी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल और सीएम हाउस तक पहुंचाने का काम करते रहे। शिकायत में यह भी बताया गया कि फरवरी 2023 में हुए कांग्रेस अधिवेशन में उनकी भूमि का एक कांग्रेस नेता के रूप मे रही है और अधिवेशन के लिए वाहनों का इंतजाम और उस राशि की उगाही करते रहे हैं।
शिकायत में यह भी बताया कि प्रवीण शुक्ला की भाई बंकिम शुक्ला जो कि चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं उनके यहां राशि रखी जाती है। यह भी बताया गया कि ईडी ने प्रवी ण शुक्ला और उनके भाई बंकिम शुक्ला के निवास पर रेड की थी जिसकी जांच चल रही है।
शिकायत में उन्हें उद्योग विभाग से पृथक कर उनके खिलाफ किसी एजेंसी से विस्तार से जांच कर कार्रवाई का आग्रह किया गया है। विभाग ने चुनाव आयोग को शिकायतों का जवाब भेज भी दिया है।