अंबिकापुर: सरगुजा जिले में नौ हाथियों का दल लगभग 10 दिनों से उदयपुर वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। इन हाथियों के द्वारा लगातार मवेशियों को अपना निशाना बनाया जा रहा है। मंगलवार की रात को महेशपुर के रमसागर पतरा जंगल से निकल कर हाथियों का दल बस्ती की ओर जा रहे थे। ग्रामीणों ने महेशपुर शिव मंदिर चौक पर आग जलाकर हाथियों को बस्ती की ओर जाने से रोका।
हाथी बस्ती की ओर जाना छोड़कर जंगल किनारे स्थित गोढा तालाब की ओर रुख करने लगे इसी दौरान तालाब के मेड पर संत राम पिता सोनू घसिया के द्वारा बांधे गए छः नग बैल पर हाथियों की नजर पड़ी। हाथियों ने उन बैलों पर बेरहमी से आक्रमण कर तीन बैल को मारकर कुचल दिया और तीन नग बैल को घायल कर दिया। एक दिन पहले इन्ही हाथियों के द्वारा ग्राम फुनगी में जंगल के भीतर बने एक ग्रामीण मुकेश का झाला को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया साथ ही रामखेलावन और समुंदर साय के घर को क्षति पहुंचाई गई है।
वन अमला की सजगता से जन हानि को तो अब तक रोका जा सका है परंतु मवेशियों को हाथियों के हमले से नहीं बचाया जा सका है। हाथियों द्वारा किए जा रहे इस तरह के आक्रामक बर्ताव और घटना से आस पास के ग्राम में भय का माहौल है। हाथी अभी अलकापुरी सागौन बारी में है। हाथी आक्रामक क्यों हो रहे है इस सवाल का जवाब तलाशना होगा। क्योंकि नौ हाथियों का दल इस बार मवेशियों को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं। अब तक लगभग पांच मवेशियों को मौत के घाट उतार चुके है।
वन अमला द्वारा हाथियों से बचाव के उपाय के मुनादी कराई जा रही है, सतत निगरानी की जा रही है, हाथियों के संभावित मूवमेंट वाले गांवों को अलर्ट किया जा रहा है, आवश्यकता पड़ने पर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भी पहुंचाया जाता है। प्रशिक्षु डीएफओ सह प्रभारी रेंजर अक्षय भोसले के नेतृत्व में वन अमलाउप वन क्षेत्रपाल अजीत सिंह, वनपाल परमेश्वर राम, परिक्षेत्र सहायक उदयपुर चंद्रभान सिंह, वन रक्षक दिनेश तिवारी, राजेश राजवाड़े, भरत सिंह, धनेश्वर इत्यादि सक्रिय नजर आ रहे हैं।