रायपुर:- छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में रविवार को डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई . मुठभेड़ में जवानों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया है. तीनों महिला नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित था. यह मुठभेड़ कटेकल्याण क्षेत्र के अदवाल और कुंजेरास के जंगल में शाम 6 बजे हुई है. समाचारों में यह दावा किया गया है कि मारे गए तीनों हार्डकोर नक्सली हैं.
नक्सलियों का शव जिला मुख्यालय लाया जा रहा है। दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच रविवार शाम करीब छह बजे कटेकल्याण पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत अदवाल और कुंजेरास गांव के बीच मुठभेड़ हुई है. जंगल में डीआरजी के जवान सर्चिंग अभियान में जुटे थे, तभी नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। कई घंटे की मुठभेड़ के बाद जवानों को भारी पड़ता देख अन्य नक्सली जंगल का फायदा उठाकर भाग गए। एसपी ने बताया कि मुठभेड़ के बाद घटनास्थल की सर्चिंग करने पर तीन महिला नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं.पल्लव ने बताया कि मारी गई महिला नक्सलियों की पहचान राजे मुचकी कटेकल्याण मिलिट्री इंटेलिजेंस चीफ, गीता मरकाम केएएमएस चीफ और ज्योति उर्फ भीमे नुप्पो कटेकल्याण एरिया सीएनएम के तौर पर की गई है.
इस से पूर्व छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से ही यह खबर आई थी कि 14 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया. इनमें से एक नक्सली कथित तौर पर 2017 में सुरक्षाबलों पर हमले में शामिल था. इस हमले में 25 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। प्राप्त समाचार के मुताबिक नक्सलियों ने रायपुर से चार सौ किलोमीटर दूर दंतेवाड़ा कस्बे में आत्मसमर्पण किया.हथियार डालने वाले नक्सलियों का कहना था कि वो पुलिस के पुनर्वास कार्यक्रम ‘लोन वर्रातु’ से प्रभावित हैं.दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव का कहना है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली माओवाद की खोखली विचारधारा से निराश हैं.
साल 2017 में सुकमा ज़िले में सुरक्षाबलों पर हुए हमले में 25 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे.आत्मसमर्पण करने वालों में सीआरपीएफ़ पर हुए इस हमले में शामिल रहे 21 वर्षीय सन्ना मरकम भी शामिल हैं. मरकम लोकल आर्गेनाइज़ेशन स्क्वैड में सक्रिय थे और उन पर एक लाख रुपये का ईनाम था.
आत्मसमर्पण करने वाले अन्य नक्सली बारूद बिछाने, सड़कों को नुकसान पहुंचाने और माओवादियों के बैनर-पोस्टर लगाने जैसे कामों में सक्रिय थे. एसएसपी के मुताबिक आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को राज्य सरकारी की नीति के तहत पुनर्वासित किया जाएगा. अब तक छत्तीसगढ़ में 454 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं जिनमें से 117 ऐसे हैं जिन पर इनाम था.