सूरजपुर। एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के रेहर,गायत्री,केतकी कोयला खदान से प्रभावित ग्राम मानी, पोड़ी, जोबगा, गेतरा के ग्रामिणो के लिए एसईसीएल प्रबंधन द्वारा ग्राम पोड़ी में लोक सुनवाई कार्यक्रम का अयोजन कराया गया ,जिसमे चारो पंचायत के ग्रामीण बडी संख्या में शामिल हुए ।

लोक सुनवाई कार्यक्रम सूरजपुर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रवि सिंह के अध्यक्षता में संपन्न हुआ जिसमे ग्रामीणों को अपनी पक्ष रखने का मौका दिया गया तो ग्रामीणों ने सैकड़ों की संख्या में लिखित शिकायत एसईसीएल के अड़ियल रवैया प्रति दो एकड़ जमीन के पीछे एक नौकरी देने व एसईसीएल का अधिनियम 2012 के दर से मुआवजा राशि प्रदान करने के विरुद्ध पुरजोर विरोध जताय और ग्रामीणों ने अपनी मांग रखी की एसईसीएल प्रबंधन जितने भूस्वामियों का भूमि अधिग्रहण किया है चाहे वह जमीन जितना डिसमिल हो उतने लोगो को अनिवार्य रोजगार देने की मांग किया है ,ग्रामीणों का कहना है की यदि जिस परिवार के पास मात्र बीस या पच्चास डिसमिल जमीन है और उतने जमीन में वह अच्छे से रहन सहन कर जीवन यापन कर रहा है तो एसईसीएल को उतने के बदले उन्हें नौकरी व मुआवजा देना होगा अगर एसईसीएल अपनी अड़ियल रवैया को नही बदलती है तो चारो पंचायत मानी, पोड़ी, जोबगा, व गेतरा के ग्रामीण एक साथ उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

मिली जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने एसईसीएल से सड़क,बिजली,पानी जैसे मूलभूत सुविधा की मांग किया है , उक्त सभी मामला का सुनवाई करते हुए एसईसीएल पर्यावरण विभाग के नोडल अधिकारी चंदन चमन ने उपस्थित ग्रामीणों को उनके सवालों का गोलमोल जवाब देते हुए कहा की भू स्वामियों को नौकरी के दो तरीके होते है क्लंबिंग और डिसेंडिंग इसके लिए ग्रामीण और पुनर्वास की टीम के द्वारा निर्णय लिया जाएगा इसके पश्चात कार्यवाही बढ़ेगी, साथ ही मुआवजा राशी 2012 के अधिनियम के अनुसार दिया जायेगा एव 2017 से मुआवजा राशि का निर्धारित व्याज सहित दिया जाने की जानकारी दिया गया ।

यह कार्यक्रम ग्रामीणों की माने तो केवल एसईसीएल लोक सुनवाई के नाम से खानापूर्ति किया है , बताया जा रहा है एसईसीएल के कोई भी जवाबदार अधिकारी सामने आकर ग्रामीणों से बात नहीं किए केवल जिला प्रशासन के अधिकारी ही ग्रामीणों की सुनवाई की और उन्हें आनन फानन में पूरी बात करने का मौका तक नहीं दिया गया ।
ग्रामीण महिला सरला दास ने बताई की उन्हे बरगलाने के लिए एसईसीएल के द्वारा नाश्ता, पानी देकर वापस कर दिया गया उनका कहना है की महिलाओं को अपना एक भी पक्ष नही रखने दिए जिस कारण उनके हित का इस कार्यक्रम कोई बात नही ही सका

वही जनपद सदस्य पुष्पा सिंह ने इस कार्यक्रम का विरोध करते हुए कहा की हमारी बातों का वहा पर कोई अस्तित्व नहीं रहा न ग्रामीणों का बात ध्यान से एसडीएम साहब सुने नही कोई अधिकारी जिससे ग्रामीणों का पीड़ा धरा का धरा रह गया । और एसईसीएल प्रबंधन के पर्यावरण विभाग के नोडल ने अपना रटा हुआ जवाब ग्रामीणों के बीच प्रस्तुत किया जिसमे ग्रामीण नाखुश दिखाई दिए ।

इस दौरान एसडीएम रवि सिंह, डिप्टी कलेक्टर, प्रभारी तहसीलदार वर्षा बंसल मानी सरपंच सोनामनी , पोड़ी सरपंच मोहरमनिया, जोबगा सरपंच स्वाती सिंह, गेतरा सरपंच गिरधारी राम सहित जनप्रतिनिधि दरोगा सिंह, संत सिंह, कामता प्रताप सिंह, शिवराम सिंह, बलिंदर राजवाड़े, सिंधु सिंह सहित बडी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे ।

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