कोरबा। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीनस्थ कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के द्वारा अपनी मांगों की पूर्ति के लिए केन्द्र व राज्य सरकार का ध्यानाकर्षण कराया गया है। इस संबंध में कलेक्टर के माध्यम से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली एवं रायपुर के विभागीय सचिव को ज्ञापन प्रेषित किया गया है।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका संयुक्त मंच छत्तीसगढ़ की जिलाध्यक्ष वीणा साहू ने अपर कलेक्टर प्रदीप साहू व जिला महिला बाल विकास अधिकारी प्रीति खोखर चखियार को ज्ञापन सौंपने उपरांत बताया कि कार्यकर्ता व सहायिका आज भी कई बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। इनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा कोई पहल नहीं की गई। आईसीडीएस की स्थापना के 48 वर्ष बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा कार्यकर्ता को 4500, मिनी कार्यकर्ता को 3500 और सहायिका को मात्र 2250 रुपए मानदेय प्रदान किया जा रहा है जो स्वयं सरकार के श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से बहुत कम है। इसे जीने लायक वेतन कदापि नहीं कहा जा सकता। इसके साथ ही 62 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति भी किया जा रहा है लेकिन बुढ़ापे का सहारा के लिए सामाजिक सुरक्षा के रूप में किसी प्रकार की आर्थिक सुविधा जैसे मासिक पेंशन, ग्रेच्युटी नहीं दिया जाना दुखद है।
आकस्मिक दुर्घटना व मृत्यु की स्थिति के लिए लगातार समूह बीमा योजना की मांग संघ द्वारा की जाती रही है। आदिवासी और वनांचल बाहुल्य छत्तीसगढ़ राज्य के 1 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की मांग पर 16 अप्रैल तक आवश्यक पहल नहीं होने से 17 अप्रैल को केन्द्रीय मंत्रालय महिला एवं बाल विकास नई दिल्ली के समक्ष जंतर-मंतर पर सुबह 11 से शाम 4 बजे तक धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। ध्यानाकर्षण कराने के साथ ही प्रधानमंत्री, महिला एवं बाल विकास विभाग की केन्द्रीय मंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
इस धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश व कोरबा जिले से कार्यकर्ता व सहायिका जंतर-मंतर पहुंचेंगी।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के द्वारा जनवरी एवं फरवरी माह में लगातार काम बंद हड़ताल की गई। मानदेय में वृद्धि सहित छह सूत्रीय मांगों को लेकर इनके हड़ताल के बाद राज्य सरकार ने बजट में मानदेय वृद्धि का प्रावधान किया है।आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाकर ₹10000 किया गया है वहीं सहायिकाओं को ₹5000 का मानदेय मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा होली त्यौहार से 1 दिन पहले बजट सत्र में इनके मानदेय वृद्धि की घोषणा की गई जिससे कार्यकर्ता व सहायिकाओं में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी। हालांकि दूसरे मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया जिसे लेकर अब आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के द्वारा दिल्ली में प्रदर्शन की तैयारी है। केंद्र सरकार से इन्हें बजट में निराशा मिली है और अब एक बार फिर केंद्र स्तर पर मांगों के लिए आवाज बुलंद की जा रही है।