सूरजपुर: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर. एस. सिंह के निर्देशन में एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. उत्तम सिंह के मार्गदर्शन में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शिवप्रसाद नगर (बंजा) में 287 स्कूली बच्चों का नेत्र परीक्षण नेत्र चिकित्सा सहा. अधिकारी अमित चौरसिया व मारुती नंदन चक्रधारी द्वारा किया गया। जिसमें 21 दृष्टि दोष, 02 भंेगापन तथा 03 छात्रों जिला चिकित्सालय सूरजपुर जांच हेतु रेफर करते इसकी जानकारी नोडल अधिकारी अंधत्व डॉ. तेरस कंवर व सहायक नोडल अधिकारी श्री मुकेश राजवाड़े को दी गई। इसी के साथ बच्चों को स्वास्थ्य शिक्षा के साथ ऑंखो की देखभाल कैसे करनी है, इसकी जानकारी अमित चौरसिया ने देते हुये बताया कि छोटे बच्चे की नजर कमजोर है तो उसे सही नंबर का चश्मा पहनाएं, अन्यथा आंखें स्थायी रूप से कमजोर हो जाती है। अगर बच्चों की आंखें कमजोर होंगी तो उनके सीखने की क्षमता और व्यक्तित्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आजकल किशोर उम्र के बच्चों पर एक तो पढ़ाई का बहुत दबाव है, दूसरा गैजेट्स के बढ़ते चलन के कारण उनकी आंखों पर डिजिटल स्ट्रेस काफी बढ़ रहा है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि माता-पिता उन्हें आंखों की देखभाल करने के लिए प्रेरित करें। उन्हें समझाएं कि पोषक भोजन, पर्याप्त आराम और गैजेट्स का सीमित इस्तेमाल आंखों को स्वस्थ रखने और बढ़ती उम्र के साथ आंखों की रोशनी बनाए रखने के लिए कितना जरूरी है।
अगर बच्चों में निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो नज़र अंदाज़ न करें, तुरंत नेत्र चिकित्सा सहा. अधिकारी, नेत्र रोग विशेषज्ञ से जांच कराए, अगर बच्चा आंखों को चुंदी या भेंगापन करके देख रहा है, ज़ोर-ज़ोर से और बार-बार आंख रगड़ता हो, एक आंख को बंद करता हो या पढ़ते या टीवी देखते समय सिर एक ओर झुका लेता हो, टीवी, कम्प्युटर या मोबाइल की स्क्रीन को बहुत पास से देखता हो, किताबों को अपनी आंखों के बहुत पास लाकर पढ़ता हो, लगातार कई दिनों से आंखों और सिर में दर्द रह रहा हो, बार-बार या सामान्य से अधिक पलकें झुकाने की समस्या हो।
नेत्र परीक्षण कार्यक्रम में बच्चों का नेत्र जांच नेत्र सहायक अधिकारी मारूतीनंदन चक्रधारी, अमित चौरसिया, स्टाफ नर्स सुप्रिया कुशवाहा ने किया गया।
इस कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य ब्रजेश चौबे, एकलव्य विद्यालय के शिक्षक दीपक मिश्रा, डीडी, राजीव द्विवेदी, मेघा एवं छात्रों के सहयोग से कार्यक्रम सफल रहा।