अम्बिकापर: संभागायुक्त डॉ संजय कुमार अलंग ने बुधवार कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर राजस्व सम्बंधी कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में अविवादित व विवादित नामांतरण, बंटवारा, नजूल भूमि की व्यस्थापन, न्यायालयीन प्रकरणों की सुनवाई आदि के सम्बंध में विस्तार से समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों व हितग्राहियों की समस्या को कम करने का प्रयास करें, एक काम के लिए उन्हें बार-बार दफ्तर न आना पड़े इसका ध्यान रखें।
कमिश्नर डॉ अलंग ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत तहसीलों में बड़ी संख्या में आवेदनां के निरस्तीकरण की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सभी निरस्त आवेदनों का पुनर्परीक्षण करने के निर्देश दिए।
अविवादित प्रकरणों की संख्या में वृद्धि पर कहा कि निरस्त होने पर निरस्ती का कारण भी अनिवार्य रूप से दर्ज करें। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करने से पहले दस्तावेजां का बारीकी से परीक्षण करें। लोक सेवा केन्द्रों व कॉमन सर्विस सेंटर में ऑपरेटर सुसंगत दस्तावेज होने पर ही आवेदन सबमिट करें। कमिश्नर ने रिकार्ड रूम से दस्तावेजों के नकल विलंब से मिलने की समस्या पर प्रभारी अधिकारी को समय-सीमा में दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
पटवारी प्रतिवेदन लेने की तकनीक विकसित हो- कमिश्नर ने कहा कि पटवारी प्रतिवेदन लेना अब ऑनलाइन हो गया है इसलिए प्रतिवेदन आने के बजाय लेने की परंपरा शुरू करे। इसके लिये तकनीक विकसित करें। व्हाट्सएप्प ग्रुप आदि बनाएं। पटवारी प्रतिवेदन आने के इंतजार में प्रकरण को लंबित न रखें। कमिश्नर डॉ अलंग ने कहा कि लंबित बंटवारा, नामान्तरण, बंटाकन के त्वरित निराकरण के लिए एसडीएम लक्ष्य तय करें। पहले एक खसरे की ज्यादा बंटाकन है उसका चिन्हांकन करें। प्रतिदिन पटवारी को सीमांकन का लक्ष्य दे। उन्होंने 170 ’ख’ तथा गैर आदिवासी द्वारा आदिवासी महिलाओं से विवाह कर जमीन हड़पने के मामलों का गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर कुन्दन कुमार ने कहा कि जो भी निर्देश दिए गए है उसका कड़ाई से पालन करें। राजस्व न्यायालय की पूरी प्रक्रिया का पालन करें। सभी पंजियों का संधारण करें।बैठक में अपर कलेक्टर एएल ध्रुव सहित सभी एसडीएम व तहसीलदार उपस्थित थे।