
डेस्क: शेयर बाजार में लंबे समय से जारी गिरावट के कारण निवेशक अब सुरक्षित निवेश विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) इनमें से एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है। इसमें जोखिम बेहद कम होता है और गारंटीड रिटर्न मिलता है। लेकिन अगर आप विवाहित हैं, तो अपने नाम की बजाय पत्नी के नाम पर FD कराने से आपको अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट मिल सकता है।
FD पर क्यों देना पड़ता है TDS?
FD पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस (TDS) लागू होता है। अगर किसी निवेशक की FD से सालाना ब्याज आय 40,000 रुपये से अधिक होती है, तो उस पर 10% टीडीएस काटा जाता है। इस वजह से निवेशकों की कुल कमाई पर टैक्स का बोझ बढ़ सकता है।
पत्नी के नाम से FD कराने के फायदे
– यदि पत्नी हाउसवाइफ हैं या लोअर टैक्स ब्रैकेट में आती हैं, तो उनके नाम पर FD कराने से टीडीएस कटौती से बचा जा सकता है।
– पत्नी की इनकम कम होने पर वे फॉर्म 15G भरकर टीडीएस कटौती से पूरी तरह बच सकती हैं।
– अगर पति-पत्नी जॉइंट FD कराते हैं और पत्नी को पहला होल्डर बनाते हैं, तो भी टैक्स देनदारी कम हो सकती है।
कब कटता है TDS?
अगर किसी निवेशक की FD पर सालाना ब्याज 40,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये) से ज्यादा होता है, तो बैंक TDS काटता है। ऐसे में टैक्स बचाने के लिए पत्नी के नाम पर FD कराना फायदेमंद हो सकता है।