
अंबिकापुर: सरगुजा जिले उदयपुर वन परिक्षेत्र के रामगढ़ पहाड़ी, खोंधला लाखन दाई पहाड़ी, दौलतपुर, राईचूंवा, लक्ष्मणगढ़, और उदयपुर जनपद के पीछे के क्षेत्रों में विगत सोमवार से अब तक कई स्थानों पर भीषण आग लग चुकी है, कुछ जगहों पर आग को बुझाया जा चुका कुछ जगहों पर आग बुझाने का प्रयास जारी है, लगातार हो रही इस आगजनी से जंगलों को भारी नुकसान हो रहा है। वन विभाग ने ग्रामीणों से कई बार संवाद कर जंगलों में आग नहीं लगाने और अवैध पेड़ों की कटाई नहीं करने की समझाइश दी है, लेकिन ये प्रयास असफल होते दिख रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा महुआ आदि बीनने के लालच या नासमझी के कारण सूखे पत्तों में आग लगाई जा रही है, जिससे हरे-भरे जंगल आग की भेंट चढ़ रहे हैं और पर्यावरण को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
वन विभाग के रेंजर कमलेश राय के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें बनाकर आग बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। विशेष रूप से, विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल रामगढ़ पहाड़ी में इस बार समय से पहले अत्यधिक गर्मी के कारण ग्राम दावा की ओर से गहरी खाई से लगी आग की लपटें तेजी से बढ़ीं और धीरे-धीरे पहाड़ी के एक तिहाई हिस्से को अपनी चपेट में लेकर छोटे-छोटे पेड़-पौधों को नष्ट कर दिया है। वन कर्मी जान जोखिम में डालकर कई किलोमीटर पैदल चलकर हजारों फीट की ऊंचाई पर जंगल में लगी आग को बुझाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ लोग जानबूझकर जंगल को आग के हवाले करना चाहते हैं, जिससे स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है।
इस आग से वन्यजीवों के आवास और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है, जिससे जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। आवश्यक है कि स्थानीय प्रशासन, वन विभाग और समुदाय मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें और जंगलों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।



















