देवरिया। आजमगढ़ सड़क हादसे में देवरिया के रहने वाले पांच लोगों की मौत से पूरे गांव में गम का माहौल है। हादसे की खबर से परिवार में चीख पुकार मची है। घरवालों की दहाड़े सुन हर किसी की आंखें नम हो गईं। घटना की जानकारी के बाद से गांव के लोग शव आने की प्रतीक्षा करते रहे। पुरुष सदस्य घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। घर पर केवल महिलाएं ही मौजूद थीं। पड़ोस की महिलाएं उन्हें संभाल रही थीं। यह मार्मिक दृश्य महुआडीह के धरमपुर गांव का था।
देवरिया जिले के महुआडीह थानाक्षेत्र के धरमपुर गांव के लोग आजमगढ़ किसी रिश्तेदारी में गए थे। वहां से शनिवार की रात पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे होकर वापस घर आ रहे थे। अभी वह आजमगढ़ के अहरौला थाना क्षेत्र के खदारामपुर स्थित स्टोन नंबर-213 के पास पहुंचे थे, तभी बोलेरो रात करीब 11.30 बजे पीछे से ट्रैक्टर-ट्राली में घुस गई। ट्राली पर बांस लदे थे। जिसके चलते बोलेरो सवार चपेट में आ गए।
इस हादसे में 45 वर्षीय कैलाश पुत्र अच्छेलाल, कैलाश की 38 वर्षीय पत्नी नीतू, 43 वर्षीय दुक्खी पुत्र प्रभु, 40 वर्षीय गुड्डी पत्नी छोटेलाल, 11 वर्षीय रानी पुत्री विनोद कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि 40 वर्षीय किरन गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनको वाराणसी के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज चल रहा है।हादसे की जानकारी होने पर पुलिस व राजस्व विभाग के लोग मौके पर पहुंचे। लेखपाल व पुलिसकर्मियों ने मृतकों के बारे में जानकारी जुटाई।
हादसे में पांच लोगों की मौत की खबर सुनकर गांव वाले सन्न रह गए। ग्राम प्रधान समेत तमाम लोग दरवाजे पर पहुंचे व हादसे की जानकारी ली। इसके बाद लोग अर्थी के लिए बांस का इंतजाम करने में जुट गए। शव आने का इंतजार किया जा रहा।हादसे में शिकार हुए परिवार का घर गांव के बाहर बना है। घटना की खबर मिलने के बाद से हर कोई स्तब्ध है। सभी यह जानने की कोशिश में लगे थे कि परिवार के लोग कहां गए थे व यह हादसा कैसे हो गया।