
सूरजपुर: सूरजपुर जिले में कृषकों द्वारा अपने निजी भूमि में अजीविका में वृद्धि हेतु नीलगिरी के वृक्षों का रोपण की प्रवृत्ति वर्षों से है। निलगिरी वृक्ष अत्यंत तेजी से बढ़ने वाली प्रजाति है जो 5-7 साल में विदोहन योग्य तैयार हो जाता है। नीलगिरी का उपयोग कागज एवं प्लाईवुड उद्योगों में होता है। छ०ग० में निजी भूमि से नीलगिरी वृक्षों की कटाई एवं विक्रय असंगठित सेक्टर है तथा राज्य शासन द्वारा नीलगिरी के काष्ठ के परिवहन हेतु अभिवहन पास से मुक्त किया गया है। राज्य शासन द्वारा किसानों की आय में वृद्धि हेतु नीलगिरी वृक्ष के रोपण को किसान वृक्ष मित्र योजना द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है जिसके तहत किसान को क्लोनल नीलगिरी वृक्ष के पौधे निःशुल्क प्रदाय किया जा रहा है।

राज्य में निजी भूमि से वृक्षों की कटाई हेतु वृक्ष कटाई नियम 2022 लागू है। सूरजपुर जिले में निजी भूमि से वृक्षों की कटाई हेतु कलेक्टर एस जयवर्धन से अनुमोदन उपरान्त 4 फरवरी को निर्देश जारी किया गया जिसके तहत किसानों को वृक्षों का पंजीयन राजस्व अभिलेखों में दर्ज करना एवं कटाई पूर्व आवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के समक्ष करना अनिवार्य किया गया तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा आवेदन पर 30 दिवस में कटाई पर स्पष्ट अभिमत हेतु निर्देशित किया गया।
नीलगिरी वृक्ष के अवैध कटाई पर नियंत्रण हेतु प्रशासन द्वारा लगातार कार्यवाही किया जा रहा है। जिला में बिना अनुमति वृक्ष कटाई की शिकायत मिलने पर राजस्व विभाग एवं वन विभाग के संयुक्त दल द्वारा शिकायत की जाँच किया जाता है एवं कटाई नियम/निर्देश के उल्लंघन पर राजस्व विभाग द्वारा आवश्यक कार्यवाही किया जाता है। जिले में परिवहन के दौरान चेक पोस्ट/बैरियर पर नीलगिरी वृक्ष कटाई संबंधित आवेदन / अनुज्ञा न मिलने पर वाहन जप्त कर प्रकरण आवश्यक कार्यवाही हेतु राजस्व विभाग को हस्तांतरण किया जाता है।
सूरजपुर जिले में अब तक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा ग्रामीणों द्वारा प्रस्तुत 16 आवेदनों पर 346 वृक्षों की कटाई हेतु अनुमती दी गई है। जिले में अब तक बिना कटाई अनुमति/आवेदन के परिवहन कर रहे पाँच वाहनों को वन विभाग द्वारा जप्त कर आवश्यक कार्यवाही हेतु राजस्व विभाग को हस्तांतरण किया गया, जिस पर राजस्व विभाग के द्वारा अग्रिन कार्यवाही किया गया है। राजस्व विभाग के द्वारा निजी भूमि से बिना अनुमती वृक्षों की कटाई पर ग्रामीणों के विरूद्ध कार्यवाही किया जा रहा है। साथ ही ग्रामीणों को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के अनुमति उपरान्त ही कटाई करने हेतु जागरूक किया जा रहा है।



















