कोरबा। इंडियन ऑयल के गोपालपुर डिपो से अवैध तौर पर डीजल, पेट्रोल चोरी कर मार्केट में खपाने के काले कारोबार पर खाद्य विभाग ने छापेमार कार्रवाई की है। डिपो से निकले 3 टैंकर को जब्त किया गया है। इसके साथ ही पुलिस ने 71 हजार लीटर डीजल और पेट्रोल भी जब्त किया है। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस कार्रवाई से डीजल, पेट्रोल का अवैध कारोबार करने वाले माफियाओं में हड़कंप मच गया है। इस बात की भी चर्चा है कि इस काले कारोबार को अब तक किसका संरक्षण मिल रहा था।

डीजल, पेट्रोल का अवैध कारोबार करने वालों को एक तरह से खुली छूट मिली हुई थी। डिपो के पास ही एक बड़ा यार्ड बनाया गया था। जहां डिपो से निकलने वाले टैंकर आकर एक निश्चित मात्रा में डीजल, पेट्रोल की हेराफेरी को अंजाम दे रहे थे। टर्मिनल से निकलने के बाद टैंकरों को सीधे पेट्रोल पंप पर जाना चाहिए। लेकिन वह ऐसा ना करते हुए इस यार्ड में आते थे। अवैध यार्ड में पेट्रोल पंप पहुंचने से पहले ही हर टैंकर से 100 लीटर डीजल चोरी की जाती है। इसके लिए सुनियोजित रैकेट काम करता है। इसका ठेका किसी एक माफिया के कंधों पर होता है। टैंकर से चोरी किए गए डीजल और पेट्रोल को खुले बाजार में कुछ कम कीमत पर मार्केट में बेचा जाता है। पुलिस और आईओसीएल के अफसरों के बिना इस तरह का कारोबार संचालित करना बेहद मुश्किल है।

छापेमार कार्रवाई के दौरान खाद्य विभाग की टीम ने एक टैंकर से डीजल चोरी करते हुए चोरों को रंगे हाथ पकड़ा। इस दौरान टैंकर चालक रथराम भी मौके पर मौजूद था,जो इंडियन ऑयल, गोपालपुर के डिपो से डीजल लेकर सृष्टि फ्यूल मालखरौदा, सक्ती के लिए रवाना हुआ था। लेकिन इसके पहले वह यार्ड में रुक कर डीजल की चोरी करवा रहा था। रथराम पर भी आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही यार्ड के मालिक प्रभु जायसवाल को भी नामजद आरोपी बनाया गया है। जबकि एक अन्य आरोपी रवि तिवारी मौके से भाग निकला। दूसरा टैंकर चालक मोहम्मद इश्तियाक भी मौके पर मिला,जो गोपालपुर डिपो से पेट्रोल लेकर दीपिका के पेट्रोल पंप के लिए रवाना हुआ था। इसमें भी 24,000 लीटर डीजल भरा हुआ था।

कार्रवाई करने पहुंचे खाद्य निरीक्षक मुकेश अग्रवाल ने बताया कि चोरी के अवैध तौर पर भंडारित किए गए 400 लीटर डीजल और 100 लीटर पेट्रोल जब्त किया गया है। इसके साथ तीन टैंकर को भी जप्त कर छूरी के पेट्रोल पंप में रखा गया है। इन तीनों को मिलाकर 71 लीटर डीजल हमें मिला है। मामले में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।

डीजल, पेट्रोल के अवैध जखीरे पर खाद्य विभाग की टीम ने कार्रवाई तो की है। लेकिन इस दौरान पुलिस बल की गैरमौजूदगी भी चर्चा का विषय बनी हुई है। यह प्रश्न भी उठ रहा है कि यह अवैध कारोबार आखिर किसके संरक्षण में चल रहा था, इसका मास्टरमाइंड कौन है। इस कार्रवाई से अवैध कारोबार को संरक्षण देने वालों की पोल भी खुली है। लंबे समय से इस क्षेत्र में इस तरह का कारोबार संचालित किया जाता रहा है। जो एक सुनियोजित रैकेट द्वारा संचालित होता है।

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