अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत ने शनिवार को सीतापुर विधानसभा दौरे के दौरान पर मैनपाट जनपद के राजापुर एवं खड़गाव धान खरीदी केंद्र का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने सुव्यवस्थित धान खरीदी एवं किसानों की सुविधाओं को ध्यान रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

मंत्री श्री भगत ने धान खरीदी को लेकर किसानों से बातचीत की। किसानों ने कहा किसी प्रकार की समस्या नहीं हो रही है। टोकन तुंहर हाथ के माध्यम से भी किसान टोकन ऑनलाइन लेकर अपने सुविधा अनुसार धान बेच पा रहे है।

मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि समर्थन मूल्य पर अब तक किसानों से लगभग 41 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान का उपार्जन किया जा चुका है, जिसके एवज में 10 लाख 76 हजार से अधिक किसानों को 8481 करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत किया जा चुका है। धान बेचने में किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसको लेकर पूरी व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सभी उपार्जन केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में बारदाने उपलब्ध हैं। समर्थन मूल्य पर धान खरीदने के लिए इस साल राज्य सरकार द्वारा किसानों को ऑनलाइन टोकन जारी करने की व्यवस्था के चलते किसानों को सहूलियत होने लगी है। बड़ी संख्या में किसान टोकन तुंहर हाथ एप के माध्यम से धान बेचने के लिए अपनी मर्जी के मुताबिक तिथि का चयन करने लगे हैं। इसके साथ ही उपार्जन केन्द्रों द्वारा मैन्युअल रूप से किसानों को टोकन जारी करने की व्यवस्था पूर्व वर्षों की भांति जारी है।

श्री भगत ने बताया बताया कि इस साल राज्य में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य में 25.92 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 2.26 लाख नये किसान हैं। राज्य में धान खरीदी के लिए 2594 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। राज्य में धान खरीदी की व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सीमावर्ती राज्यों से धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए चेक पोस्ट पर माल वाहकों की चेकिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ धान का उठाव किया जा रहा है। अब तक 30.50 लाख मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डी.ओ. जारी किया गया है, जिसके एवज में उपार्जन केंद्रों से 22.36 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है।

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