नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने  मौजूदा सरकार के तीसरे कार्यकाल के ऐतिहासिक महत्व का उल्लेख किया, जो पिछले छह दशकों में अभूतपूर्व है। उन्होंने इस तरह की उपलब्धि की दुर्लभता पर जोर दिया। उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, “1962 के बाद यह पहली बार है कि किसी प्रधानमंत्री को तीसरा कार्यकाल मिला है।”

श्री धनखड़ ने आज उपराष्ट्रपति आवास में राज्य सभा इंटर्नशिप कार्यक्रम के प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने प्रशिक्षुओं से अनुरोध किया कि वे अपने विचार व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया की शक्ति का उपयोग करें और लोकतंत्र में हानिकारक प्रवृत्तियों को लेकर सावधान रहें। उपराष्ट्रपति ने सकारात्मक विकास के लिए संसद में रचनात्मक बहस, संवाद और चर्चा की भूमिका पर जोर दिया। इसके अलावा श्री धनखड़ ने प्रशिक्षुओं से अनुरोध किया कि अगर वे इन सिद्धांतों से कोई विचलन देखते हैं, तो वे जनता की राय जुटाएं।

उन्होंने आगे आह्वान किया कि भारत एक निष्क्रिय महाशक्ति नहीं है, बल्कि एक गतिशील देश है जो हर दिन और हर क्षण आगे बढ़ रहा है। उपराष्ट्रपति ने स्पष्टता के लिए भारतीय संविधान का अध्ययन करने के महत्व पर जोर दिया। श्री धनखड़ ने प्रशिक्षुओं को सलाह दी कि जब भी कोई संदेह हो तो वे भारतीय संविधान को पढ़ें।

उपराष्ट्रपति ने इंटर्नशिप कार्यक्रम को एक ऐसा “संसदीय स्टार्टअप” बताया, जो देश की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से जुड़ने के लिए एक नई दिशा और प्रेरणा प्रदान करेगा। श्री धनखड़ ने इस बात को रेखांकित किया कि कैसे नागरिक इसमें अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सा ले सकते हैं और संसद सदस्य बने बिना भी याचिकाओं के माध्यम से सार्वजनिक मुद्दों को उठा सकते हैं।

इस अवसर पर डॉ. सुदेश धनखड़, राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश, राज्य सभा के महासचिव  पीसी मोदी, उपराष्ट्रपति के सचिव सुनील कुमार गुप्ता, राज्य सभा के सचिव  राजित पुनहानी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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