अंबिकापुर: राज्य शासन की अति महत्वाकांक्षी योजना समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का लाभ वनाधिकार पट्टाधारी किसानों को मिल रहा है। वनाधिकार पत्र से भूमि का मालिकाना हक मिलने के साथ ही समर्थन मूल्य में धान बेचने की भी सुविधा मिल रही है।

जिला मुख्यालय अंबिकापुर से लगभग 90 किलोमीटर दूर धान उपार्जन केंद्र केदमा में वन अधिकार पत्र धारी किसानों से धान ख़रीदी की जार रही है। धान उपार्जन केंद्र केदमा में कुल 141 वन अधिकार पत्र धारी किसान पंजीकृत हैं जिनका कुल रक़बा 141 हेक्टेयर है। इनमें से अब तक कुल 7 वनाधिकार पत्र धारी किसानों ने धान का बिक्री की है। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित केदमा में कुमडेवा गांव के निवासी किसान नरेश कुजूर ने धान बेचा। उन्होंने बताया कि वे शासन की ओर से प्राप्त वन अधिकार पत्र के माध्यम से केदमा धान उपार्जन समिति में 36 क्विंटल धान बेचा। धान बेचने के दूसरे दिन ही नरेश के खाते में धान उपार्जन की राशि प्राप्त हुई। नरेश धान उपार्जन से मिली राशि से से गिट्टी सीमेंट खरीदकर अपने दो कमरों का पक्का मकान बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने वन अधिकार पत्र में धान खरीदी करने का बहुत बड़ा निर्णय लिया। वन अधिकार पत्र में धान बेचकर उनकी आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार हुआ है। किसान नरेश कुजूर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किया।

जिले में वन अधिकार पत्र धारी किसानों से धान उपार्जन समिति में धान खरीदी किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन के मंशानुरूप नवीन वन अधिकार पत्र धारी किसानों का धान बेचने के लिए पंजीयन किया गया है। पंजीकृत किसान वन अधिकार पत्र में किए गए धान की उपज को बेचने के लिए उपार्जन केंद्र पहुंच रहे हैं। इस वर्ष जिले में कुल 2157 वन अधिकारी पत्रधारी किसानों ने समर्थन मूल्य में धान बेचने का पंजीयन कराया है।

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