बलरामपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों वन कर्मियों की हड़ताल जारी है। जिसका सीधा असर अब जंगलों पर दिखने लगा है। आमतौर पर छत्तीसगढ़ के कई जंगल गर्मी में भीषण आग की चपेट में आ जाते हैं और कई हरे भरे पेड़ जलकर राख हो जाते हैं। ऐसा ही इन दिनों बलरामपुर जिले के सेमरसोत व राजपुर के धंधापुर, ठरकी, मुनवा के जंगल में देखने को मिल रहा है। जंगल में फैली इस आग को बुझाने वाले हड़ताल पर हैं। वन कर्मियों के हड़ताल के कारण सब वन अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं हजारो पेड़ जलकर राख हो गए।
छत्तीसगढ़ वन विभाग के आह्वान पर वनकर्मी 12 सत्रीय मांगो को लेकर हड़ताल पर चले गए है। कार्य प्रभावित के साथ जंगल में आग बुझाने वाला कोई नही है। सेमरसोत व धंधापुर, ठरकी, मुनवा के जंगल में आग लगने से छोटे झाड़ के हजारो पेड़ जलकर राख हो गए। एक ओर सरकार लाखों रुपए खर्च कर हरे भरे पेड़ो को वृक्षारोपण करता हैं। राजपुर वन विभाग प्रांगण में 11वें दिन राजपुर से 33, शंकरगढ़ से 17 व कुसमी से 13 कुल 63 वनकर्मी हड़ताल पर बैठे थे।
वनकर्मियों की 12 सूत्रीय मांग
01. वनरक्षक के वेतनमान 2750 से 3050 का विभागीय भर्ती नियम में 2003 से प्रावधान किया जाए।
02. संघ द्वारा प्रस्तावित वेतनमान का लाभ दिया जाए।
03. पुरानी पेंशन योजना लागू किया जाए।
04. सेटअप पुनरीक्षण किया जाए छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के पश्चात आज दिनांक तक सेटअप पुनरीक्षण नहीं हुआ है।
05. पदनाम वर्दी हेतु संबोधित पदनाम एवं वर्दी एवं अन्य पहचान चिन्ह का निर्धारित किया जाए तथा वन कर्मचारियों 5000 रुपए प्रतिवर्ष वर्दी भत्ता।
06. वनोपज संघ के 1 माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाए।
07. प्रोटेक्शन फोर्स गठन किया जाए।
08. काष्ठ वनोपज प्रदाय से कमी मात्रा की कमी होने पर अपलेखन किया अथवा सम्बंधित मांगपत्र कर्ता से वसूली की कार्यवाही की जाए।
09. विभागीय पर्यटन स्थलों में निःशुल्क प्रवेश दिया जाए।
10. वनपाल प्रशिक्षण आगामी सत्र से प्रारंभ किया जाए।
11. भृत्य वन चौकीदार शैक्षणिक योग्यता के अनुसार सहायक ग्रेड 3 में समायोजन किया जाए।
12. दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए।
धरने पर मनोज कुमार जायसवाल, रामप्रताप , प्रमीट कुमार एक्का, प्रेमसाय दिवान, युधीष्ठीर राम, राजेश सिन्हा, अविनाश गुप्ता, संतोष पैकरा, मालती माझी, एली एलासा मिंज, सुसन्ना भगत, कामेश्वरी कुजूर आदि मौजूद थे।