इतनी बड़ी राशि खर्च, फिर भी बाघ 46 से घटकर 19 रह गए
रायपुर: वन मंत्री मो. अकबर ने पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा से सवाल किया है कि उन्होंने टाइगर रिजर्व में 229 करोड़ रुपए कैसे खर्च किए, इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद भी प्रदेश में बाघों की संख्या 46 से घटकर 19 हो गई। श्री गागड़ा ने टाइगर रिजर्व में 183.77 करोड़ रुपए खर्च होने को लेकर सवाल उठाए थे। श्री अकबर ने पलटवार करते हुए श्री गागड़ा पर उक्त सवाल दागे हैं।
श्री अकबर ने पत्रकारवार्ता में कहा कि महेश गागड़ा के कार्यकाल में 4 वर्षों में तीन टाइगर रिजर्व में 229.10 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। इतनी बड़ी राशि खर्च किए जाने के बावजूद महेश गागड़ा के कार्यकाल में प्रदेश में बाघों की संख्या 46 से घटकर 19 क्यों रह गई, इसका जवाब उन्हें देना चाहिए।टाइगर रिजर्व में करोड़ो खर्चमो. अकबर ने कहा कि प्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व अचानकमार, उदंती सीतानदी और इंद्रावती टाईगर रिजर्व हैं। विगत तीन वर्षों में अचानकमार टाईगर रिजर्व में क्रमशः 81,98,32,80 और 68.99 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। महेश गागड़ा ने कहा था कि 19 बाघों पर 183 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए हैं। मो. अकबर ने कहा कि महेश गागड़ा को इतना तो मालूम होना चाहिए कि टाईगर रिजर्व में अन्य वन्य प्राणी भी रहते हैं। जिनके लिए समेकित रूप से संरक्षण व विकास के कार्य किए जाते हैं।जरूरी मद में ही खर्च की गई राशिमो. अकबर ने कहा कि तीनों टाइगर रिजर्व में जरूरी मद में ही राशि खर्च की गई है। अग्नि सुरक्षा, पेट्रोलिंग, फायर वाचर, टीकाकरण, सूचना प्रौद्योगिकी आदि के कार्यों में 36.04 करोड़, रहवास सुधार, चारागाह विकास, बांस भिर्रा की सफाई, खरपतवार उन्मूलन आदि के कार्यों में 66.34 करोड़, पेयजल व्यवस्था, तालाब निर्माण,स्टापडेम, एनीकट, तालाब गहरीकरण, वाटर होल, झिरिया आदि के कामों में 63.29 करोड़, रपटा, पुलिया, वन मार्ग, पेट्रोलिंग कैम्प व भवन निर्माण में 12.4 करोड़, नैसर्गिक पर्यटन के विकास कार्य में 1.34 करोड़ रुपए और कर्मचारी कल्याण सुविधा में 4.72 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।