कोरबा। केंद्र सरकार के खिलाफ शुक्रवार को बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल का कोरबा जिले में जबरदस्त असर देखने को मिला। जिले के सभी कोयला खदानों में श्रमिक संगठन के नेतृत्व में श्रमिकों ने प्रबंधन के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया। गेवरा, दीपका, कुसमुंडा क्षेत्रों में हड़ताल को पूरी तरह से सफल माना जा रहा है। सुबह से ही श्रमिक नेता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे थे जिससे प्रबंधन को काफी नुकसान होने की बात कही जा रही है।


केंद्र सरकार पर गलत नीतियों का आरोप लगाकर उसके खिलाफ बुलाई गयी देशव्यापी हड़ताल का कोरबा जिले में जबरदस्त असर देखने को मिला। बताया जा रहा हैं की सरकार जिस तरह से सरकारी कंपनियों का निजीकरण कर रही है उसे लेकर श्रमिका नेताओ ने सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। कोरबा के कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में हड़ताल को जबरदस्त समर्थन मिला। एटक, सीटू, एचएमएस और इंटक के पदाधिकारियों ने मिलकर खदान के अंदर और बाहर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली। श्रमिक नेताओं ने कहा, कि सरकार श्रमिकों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है, जो सरासर गलत है। मानिकपुर खदान में भी श्रमिक नेता दिपेश मिश्रा के नेतृत्व में सभी श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। सुबह से ही श्रमिक नेता खदान के बाहर इकट्ठे होना शुरु कर दिये थे, और अपनी मांगो को लेकर उन्होंने प्रदर्शन किया।

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