रायगढ़: जो ईश्वर सबका न्याय करते हैं, छत्तीसगढ़ में उनको ही राजस्व अफसरों ने आरोपी बनाया, और फिर कोर्ट में लाया गया। रायगढ़ में पहले तो राजस्व अधिकारियों ने भगवान शंकर को अवैध कब्जे का नोटिस जारी किया। फिर कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगाने की बात कही। अब भगवान स्वयं तो आ नहीं सकते, ऐसे में स्थानीय लोग शिवलिंग ही उखाड़कर कोर्ट में ले आए। यहां भी तहसीलदार के नहीं मिलने पर कोर्ट ने उन्हें अगली तारीख दे दी।

दरअसल, रायगढ़ में अवैध कब्जे और निर्माण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसी मामले में रायगढ़ तहसील कोर्ट ने 23 से 24 फरवरी और 2 मार्च को सीमांकन दल गठित कर कौहाकुंडा गांव में जांच कराई। इसमें कई लोगों के अवैध कब्जे मिले। इसके बाद कोर्ट की ओर से 10 लोगों को नोटिस जारी किया गया। कहा गया कि 10 हजार रुपए के अर्थदंड के साथ ही उनको बेदखल किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी।

कोर्ट ने शिव मंदिर सहित 10 को दिया था नोटिस

इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई की तारीख तय की गई। कोर्ट की ओर से जिन 10 लोगों को नोटिस दिया गया, उसमें कोहाकुंडा के वार्ड 25 में बना शिव मंदिर भी है। किसी पुजारी के नहीं होने के कारण शिव मंदिर को ही नोटिस जारी कर दिया गया। प्रतिवादी के हाजिर नहीं होने पर 10 हजार रुपए अर्थदंड लगाने की बात कही। ऐसे में स्थानीय लोगों ने शिवलिंग को ही मंदिर से उखाड़ लिया और ट्रॉली पर उसे रखकर कोर्ट पहुंच गए।

कोर्ट पहुंचने पर मिली नई तारीख

शिवलिंग को लेकर लोग कोर्ट तो पहुंचे। वहां बाहर नोटिस लगा हुआ था कि पीठासीन अधिकारी किसी अन्य राजस्व कार्य में व्यस्त हैं, इसके चलते मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तारीख निर्धारित कर दी गई। वहीं मंदिर से शिवलिंग उखाड़कर लाने और कोर्ट में पेश किए जाने के सवाल पर कांग्रेस पार्षद सपना सिदार ने कहा कि वह पहले से खंडित था। उसे मंदिर से बाहर कर नया स्थापित कर दिया गया था।

तहसीलदार बोले- नोटिस में त्रुटि हो गई

दूसरी ओर तहसीलदार गगन शर्मा का कहना है कि नोटिस को लेकर उन्हें जानकारी नहीं है। नोटिस नायब तहसीलदार ने जारी किया था। अगर उसमें त्रुटि हो गई है तो इसे सुधार दिया जाएगा। जन सुनवाई होने के कारण कोर्ट की तारीख बढ़ाई गई है।

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