झारखंड: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिक्षकों को बड़ा गिफ्ट दिया है। शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने के फैसले पर मुहर लग गई है। इसके लिए पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली को स्वीकृति दी गई है। नियमावली को स्वीकृति मिलने के बाद अब पारा शिक्षक अब सहायक अध्यापक कहलाएंगे।पारा शिक्षकों को मिलने वाले ईपीएफ लाभ की बात करें तो इनके मानदेय से छह फीसदी राशि कटेगी।जबकि छह फीसदी राशि राज्य सरकार देगी।पारा शिक्षकों की सेवाशर्त नियमावली का प्रस्ताव राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने तैयार किया है।जिस पर वित्त विभाग ने अनापत्ति दे दी है।
पारा शिक्षकों की सेवाशर्त नियमावली बनने के बाद अब वे न सिर्फ सहायक अध्यापक कहे जाएंगे बल्कि उनके मानदेय में भी वृद्धि होगी. शिक्षक पात्रता परीक्षा पास पारा शिक्षकों के मानदेय में 50 फीसदी की वृद्धि होगी, वहीं सिर्फ प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय में 40 फीसदी का इजाफा होगा। ऐसे में पहली से पांचवीं में पढ़ाने वाले प्रशिक्षित पारा शिक्षक (सहायक अध्यापक) को 4800 रुपये का मानदेय बढ़ने के बाद 1008 रुपये ईपीएफ के लिए अंशदान के रूप में देना होगा. वहीं, छठी से आठवीं के सिर्फ प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को 1092 रुपये देने होंगे।
पहली से पांचवीं के टेट पास पारा शिक्षकों को 1260 रुपये और छठी से आठवीं के टेट पास पारा शिक्षकों को 1350 रुपये ईपीएफ में अंशदान के रूप में देने होंगे। इतनी ही राशि राज्य सरकार अपने मद से ईपीएफ में देगी।सेवाशर्त नियमावली में यह भी कहा गया है कि केंद्र द्वारा राशि नहीं देने पर पारा शिक्षकों को हटाया नहीं जाएगा और उनकी राशि का वहन राज्य सरकार करेगी।