पटना। बिहार में पिछले एक सप्ताह में पुल ढहने की सिलसिलेवार घटनाओं पर नीतीश सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए 14 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है। यह निलंबन गुरुवार को सारण में एक पुल गिरने के एक दिन बाद आया है। वहीं अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो सप्ताह के भीतर बिहार में सभी निर्माणाधीन और पुराने पुलों की निरीक्षण रिपोर्ट मांगी है।

14 इंजीनियर को सस्पेंड करने का निर्णय एक जांच पैनल द्वारा जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) को अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद लिया गया। डब्ल्यूआरडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इंजीनियर लापरवाही बरत रहे थे और निगरानी अप्रभावी थी। यही राज्य में छोटे पुलों और पुलों के ढहने का मुख्य कारण है।

चैतन्य प्रसाद ने कहा कि निलंबित किए गए लोगों में तीन कार्यपालक अभियंता भी शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि पिछले 17 दिनों में सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिलों में कुल 10 पुल ढह गए।

बिहार में लगातार पुल गिरने के मामले ने प्रदेश में सियासी तुफान ला दिया है। जहां तेजस्वी यादव एनडीए सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं बिहार सरकार के मंत्री अशोक कुमार चौधरी ने तेजस्वी पर ही हमला बोल दिया है। उन्होंने कहा कि अच्छी पुल रखरखाव नीति लागू नहीं करने के लिए तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव जिम्मेदार हैं।

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