अम्बिकापुर: राज्यपाल अनुसुईया उइके सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर अंबिकापुर पहुंची। अंबिकापुर के सर्किट हाउस में उन्होंने अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में जिले में विकास कार्यो तथा कानून व्यवस्था के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जिले के विभिन्न मुद्दों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, धर्मांतरण पर चर्चा की। जिलाधिकारियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र में लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए शासन हर संभव प्रयास कर रही है। उनकी सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास किया जा रहा है। इस क्षेत्र के लोगों को राहत पहुंचाने के लिए उनके प्रकरणों पर नियमानुसार शीघ्र कार्यवाही करें। अनुसूचित जनजाति की जमीन को गैर आदिवासी वर्ग के लोगों के द्वारा खरीदी के मामलों को तत्काल संज्ञान में लेकर कार्यवाही करने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र के लोग बहुत ही सीधे-साधे होते हैं जिनके साथ संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करने की आवश्यकता है। राज्य में पेसा कानून को प्रभावी क्रियान्वयन में लाने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन अंतिम छोर तक किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान योजना तथा बिहान आदि का क्रियान्वयन कर आम आदमी के जीवन को खुशहाल बनाने की आवश्यकता है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर जनजातीय लोगों के विकास की इबारत लिखी जा सकती है। इस अवसर पर राज्यपाल ने जिले के स्व सहायता समूह में कार्यरत महिलाओं के स्वरोजगार की दिशा में सकारात्मक प्रयासों की प्रशंसा की।
राज्यपाल से विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों ने की मुलाकात- अधिकारियों की बैठक के पश्चात राज्यपाल अनुसुईया उइके से विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों ने मुलाकात की। इनमें लुण्ड्रा विधानसभा के विधायक डॉ प्रीतम राम भी शामिल थे। इस दौरान चिरगा में लग रहे एलुमिनियम फैक्ट्री के विरोध में वहां के ग्राम वासियों ने राज्यपाल से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल से फैक्ट्री ना खोलने के लिए निवेदन किया। इसी प्रकार पुलिस परिवार की महिलाओं ने वेतन विसंगति के संबंध में ज्ञापन सौंपा। एक अन्य मुलाकात के दौरान सीतापुर जनपद में बन रहे बांध के विरोध में ग्रामीणों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि इस बांध के बन जाने से लगभग 12 गांव डूबान क्षेत्र में आ रहे हैं। इससे ग्रामीण प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो रहे हैं।