रायपुर: राज्य शासन के पंचायत संचालनालय ने 14 अप्रैल से सभी ग्राम पंचायतों में ग्रामसभा के आयोजन के लिए कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया है। संचालक, पंचायत कार्तिकेय गोयल ने सभी जिलों के कलेक्टर को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 के तहत हर तीन महीने में ग्रामसभा का कम से कम एक सम्मिलन आयोजित करने का प्रावधान है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पूर्व में जारी निर्देशानुसार निर्धारित तिथियों 23 जनवरी, 14 अप्रैल, 20 अगस्त एवं 2 अक्टूबर के साथ ही प्रति वर्ष जून एवं नवम्बर महीने में सुविधाजनक तिथियों में हर गांव में ग्रामसभा का आयोजन अनिवार्य रूप से किया जाना है। पंचायत संचालनालय ने प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय एवं उनके आश्रित गांवों में ग्रामसभा के आयोजन के लिए समय सारिणी तैयार करने और स्थानीय जरूरत के अनुसार अधिकारियों-कर्मचारियों को विशेष जिम्मेदारी देने के भी निर्देश दिए हैं।
पंचायत संचालनालय ने 14 अप्रैल से आयोजित ग्रामसभा में ग्रामसभा की पिछली बैठक में पारित संकल्पों के क्रियान्वयन संबंधी पालन प्रतिवेदन, विगत तिमाही में पंचायतों के आय-व्यय की समीक्षा एवं अनुमोदन तथा पिछली छमाही में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों के नाम, प्राप्त राशि, स्वीकृत राशि, व्यय राशि एवं कार्य की अद्यतन स्थिति का वाचन करने कहा है। ग्रामसभा में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत ग्राम पंचायत में ग्रामीण परिवारों द्वारा रोजगार की मांग तथा उपलब्ध कराए गए रोजगार की स्थिति की समीक्षा करने, गौठानों के प्रबंधन एवं संचालन, सुराजी ग्राम योजना के अंतर्गत नरवा, गरवा, घुरवा, बारी से संबंधित कार्यों की प्रगति के संबंध में चर्चा, सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत संचालित पेंशन योजनाओं के सामाजिक अंकेक्षण एवं हितग्राहियों के सत्यापन के संबंध में कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
पंचायत संचालनालय ने कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि ग्रामसभा में जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए पंचायत द्वारा वितरित खाद्यान्न एवं उसके लाभान्वितों के नामों का वाचन तथा जन्म, मृत्यु एवं विवाह पंजीयन से संबंधित प्रकरणों के लंबित, निराकृत एवं वितरित प्रमाण पत्रों की जानकारी दी जाए। ग्रामसभा में मौसमी बीमारियों के निदान एवं निवारण पर चर्चा करने एवं उससे निपटने चिकित्सकीय सुविधाओं के अवलोकन के साथ ही इस संबंध में जागरूकता फैलाने भी कहा गया है। ग्रामसभा में सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण-2023 के संबंध में चर्चा करने और सर्वेक्षण में व्यापक भागीदारी के लिए लोगों को प्रेरित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
पंचायत संचालनालय ने अनुसूचित क्षेत्र (संविधान की पाँचवीं अनुसूची के अंतर्गत शामिल अनुसूचित क्षेत्र) की ग्रामसभाओं में कुछ विषयों पर विशेष रूप से चर्चा करने के निर्देश दिए हैं। इनमें छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 का प्रत्येक ग्रामसभा में वाचन एवं व्यापक प्रचार-प्रसार, प्रत्येक ग्रामसभा में ग्रामसभा के अध्यक्ष का चुनाव एवं ग्रामसभा में पेसा नियम 19 एवं 20 के तहत संसाधन योजना और प्रबंधन (RPMC) तथा शांति एवं न्याय समिति के गठन एवं सदस्यों का चयन शामिल हैं। ग्रामसभा में पेसा नियम के अनुसार प्रस्ताव पास कर सरपंच एवं सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से ग्रामसभा कोष के नाम से कोर बैंकिंग सुविधायुक्त नजदीकी राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता खुलवाने, मानव संसाधनों एवं स्थानीय संस्थाओं की समीक्षा तथा लघु जल निकायों के लीज एवं बाजारों की नीलामी पर चर्चा के भी निर्देश दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत का उत्खनन एवं व्यवसाय (अनुसूचित क्षेत्र हेतु) नियम, 2023 के अंतर्गत साधारण रेत के उत्खनन एवं व्यवसाय के संबंध में चर्चा के लिए भी निर्देशित किया गया है।
कलेक्टर, जिला पंचायत, जनपद पंचायत या ग्राम पंचायत द्वारा स्थानीय आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अन्य विषयवस्तु को ग्रामसभा के एजेण्डे में शामिल किया जा सकता है। कलेक्टरों को कोविड-19 से बचाव के लिए केन्द्र सरकार, राज्य सरकार एवं स्थानीय स्तर पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ग्रामसभा का आयोजन सुचारू रूप से सम्पन्न कराना सुनिश्चित करने कहा गया है। साथ ही पंचायत संचालनालय ने प्रत्येक गांव में आयोजित ग्रामसभा की गतिविधियों को वाइब्रेंट ग्रामसभा पोर्टल
https://meetingonline.gov.in
एवं जीपीडीपी पोर्टल में शत-प्रतिशत अपलोड कराना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।