सूरजपुर: ठंड के मौसम के साथ ही प्रदेश में कई स्थलों पर शीतलहर का प्रकोप शुरू हो गया है। ऐसे में कई प्रकार के खतरे हो सकते है। जिसका बचाव करना बहुत जरूरी है। जहां तक संभव हो शीत लहर के दौरान घर से बाहर रहने और यात्रा से बचना चाहिए। इससे बचाव के लिए नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थों का लगातार सेवन करते रहना चाहिए और यदि कपकपी हो रही हो, उंगलियों में सफेद या पीलापन दिख रहा हो, सुन्नता महसूस हो रही हो तो इससे बचाव के लिए किसी चिकित्सक से अवश्यक संपर्क करना चाहिए।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस. सिंह ने बताया की बच्चों एवं बुजुर्गों की इस मौसम में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है पूरी कोशिश करें कि स्वयं को गर्म रखें तथा ताजा भोजन का सेवन करें। इसमें फल सब्जियों सहित विटामिन सी का भी समावेश होना आवश्यक है। शीतलहर के कारण लापरवाही करने पर शीतलहर के कारण लापरवाही करने पर शीतदंश या हाइपोथर्मिया जैसी स्थिति निर्मित हो सकती है। इसमें शरीर के तापमान में कमी कपकपी बोलने में कठिनाई, नींद न आना, मांसपेशियों में अकड़न, भारीपन, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण प्रकट हो सकते है। कुछ मामलों में कमजोरी या व्यक्ति अचेत भी हो सकता है. ऐसी स्थिति में तत्काल व्यक्ति को चिकित्सक से परामर्श कर अपना उपचार करवाने की आवश्यकता होती है।

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