अहमदाबाद। भाजपा ने गुजरात की मुस्लिम बहुल 10 सीटों में से 8 पर कब्जा जमा लिया है। दरियापुर सीट से तीन बार से विधायक चुने जाने वाले कांग्रेस नेता ग्यासुद्दीन शेख इस चुनाव में भाजपा के कौशिक जैन से चुनाव हार गए है। मुस्लिम बहुल 10 सीट में से 4 सीट पहले कांग्रेस के कब्जे में थी, इनमें से 2 सीट जमालपुर एवं दानीलिमडा कांग्रेस बचाने में सफल रही है। जबकि 2 सीट भाजपा ने छीन ली है।

गुजरात में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 10 फीसदी है, करीब 30 सीट पर मुस्लिम मतदाताओं का अच्छा प्रभाव है, 20 सीट ऐसी है जहां यह मतदाता 20% से भी अधिक हैं। मुस्लिम बहुल 10 सीटों में दरियापुर, वागरा, भरूच, वेजलपुर, भुज, बापुनगर, जंबूसर, लिंबायत, जमालपुर खड़िया, दानीलिमडा, प्रमुख है इनमें खड़िया में सबसे अधिक 61 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है जबकि दानीलिमडा में 48, दरियापुर में 40 फीसदी मुस्लिम मतदाता है।

भारतीय ट्राइबल पार्टी के महेश वसावा ने यह चुनाव नहीं लड़ा जबकि उनके पिता एवं ट्राइबल पार्टी के संस्थापक छोटू भाई वसावा ने निर्दलीय पर्चा भरा था दरअसल झगड़िया सीट पर दोनों पिता-पुत्र ने नामांकन भरा था पुत्र ने बाद में नामांकन वापस ले लिया लेकिन छोटू वसावा भाजपा के रितेश कुमार वसावा के हाथों चुनाव हार गए। उधर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट नहीं मिलने पर उनके विधायक कांधल जाडेजा ने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर कुतियाना सीट से पर्चा भरा और इस चुनाव में कांधल विजेता रहे।

गुजरात विधानसभा चुनाव में जीत के साथ ही भाजपा ने 12 दिसंबर को नई सरकार के शपथग्रहण का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, कई केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी नई सरकार के शपथ ग्रहण में शामिल होंगे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल ने कहा है कि यह गुजरात की जनता एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत है।

गुजरात की जनता ने विकास के मॉडल को स्वीकार किया है। गुजरात की जनता ने भाजपा को फिर अपना आशीर्वाद दिया है, गुजरात में यह डबल इंजन की जीत है। प्रदेश के लोगों को कई राजनीतिक दल एवं नेताओं ने गुमराह करने का प्रयास किया। पाटिल ने आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि लोगों को लिखकर गारंटी देकर अपनी सरकार बनाने का भी दावा केजरीवाल ने किया लेकिन गुजरात की जनता ने विकास के मॉडल को स्वीकार किया।

गुजरात में भाजपा की प्रचंड जीत की आंधी में कई युवा नेता भी चमक गए है। पाटीदार नेता एवं आरक्षण आंदोलन के अगुवा रहे हार्दिक पटेल वीरमगाम से, ओबीसी एकता मंच के संस्थापक अल्पेश ठाकुर गांधीनगर दक्षिण से, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवानी उत्तर गुजरात की वडगाम सीट से चुनाव जीतने में सफल रहे।

आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बने ईसुदान गढ़वी खंभालिया सीट से चुनाव हार गए। सूरत कि वराछा सीट से चुनाव लड़ रहे पाटीदार नेता अल्पेश कथिरिया, ओलपाड सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। धार्मिक मालवीय एवं कतारगाम सीट से चुनाव लड़ रहे आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया चुनाव हार गए। इसके अलावा कच्छ जिले की भुज सीट से आम आदमी पार्टी के कैलाश दान गढवी भी चुनाव हार गए। ले‍किन आप ने इस चुनाव में 5 सीट जीत कर गुजरात विस चुनाव में पहली सफलता हासिल की है।

आप के निशान पर चुनाव जीतने वाले सामान्‍य कार्यकर्ता हैं, इनमें गारियाधर से सुधीर वाघाणी , बोटाद से उमेश मकवाणा, डेडियापाडा से चैतर वसावा, जामजोधपुर से हेमंत आहीर एवं विसावदर सीट भूपेंद्र बायाणी ने चुनाव जीता है। विसावदर पूर्व मुख्‍यमंत्री केशुभाई पटेल की परंपरागत सीट रही। इस सीट से गत चुनाव में कांग्रेस के हर्षद रीबडिया चुनााव जीते थे, इस चुनाव में वे भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे थे।

खेडब्रह्मा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री अमर सिंह चौधरी के पुत्र तुषार चौधरी इस चुनाव में विजय रहे! कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया पोरबंदर सीट से विजई रहे। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी के भतीजे अमित चावड़ा आनंद की आकलाव सीट से चुनाव जीतने में सफल रहे। राजकोट पूर्व से कांग्रेस उम्मीदवार इंद्रनील राजगुरु चुनाव हार गए, बायड़ अरवल्ली जिले से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के पुत्र महेंद्र सिंह वाघेला हार गए।

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