मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के अस्पताल में सिविल सर्जन पर हमले के बाद पैदा हुए हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। गुरुवार को पूर्व निर्धारित चेतावनी के तहत सामूहिक इस्तीफे पर अमल करते हुए चिकित्सकों ने दोपहर दो बजे से काम बंद कर दिया, जिससे जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों का कामकाज प्रभावित हुआ है, लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही हैं। काम बंद होने से स्थिति बेकाबू होती जा रही है।
इस मामले में संयुक्त निदेशक पन्ना में मध्यस्थता कर रहे हैं। फिर भी इसे लेकर कोई पाजिटिव रिजल्ट सामने नहीं आ रहा है। मदर टेरेसा अस्पताल से दो डाक्टरों को लाकर जिला अस्पताल में काम पर लगाया गया है।
इसके बावजूद भी मरीजों व उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है। जिला अस्पताल में एक आदिवासी बालिका की इलाज के अभाव में मौत हो गयी, साथ ही दो अन्य लोगों की भी मौत हो गयी। कलेक्टर और डाक्टरों के बीच बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला।
डाक्टर कलेक्टर से हरिजन एक्ट वापस लेने की मांग कर रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि डाक्टरों कि पिटाई का मामले पर प्रशासन ने तीन दिन तक केस दर्ज नहीं किया। हमारी सुरक्षा की क्या गारंटी है हम काम कैसे करेंगे। वहीं मामला हरिजन एक्ट से दर्ज होने पर पूरा स्वास्थ्य विभाग नाराज है। जिले में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो चुकी है।
अभी तक की बातचीत के दौरान कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है, जिसका परिणाम स्वास्थ्य विभाग को भुगतना होगा। दोपहर दो बजे तक ड्यूटी करने के बाद सभी नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ, स्टाफ व डाक्टरों ने काम बंद कर गेट पर खड़े होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और उसके बाद सब लौट गए, स्वास्थ्य सेवा को देखने वाला कोई जिम्मेदार कर्मचारी अब यहां नही है।