नई दिल्ली। कहते हैं जहां चाह होती है वहां राह अपने आप निकल आती है। प्रत्येक मतदाताओं तक पहुंचने की चुनाव आयोग की कोशिश भी कुछ ऐसी ही होती है। जिसमें कोई भी दीवार आड़े नहीं आती है। सिर्फ एक ही लक्ष्य होता है कि दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले मतदाता तक भले ही उनकी संख्या कुछ भी हो, किसी भी तरह पहुंचा जाए। आयोग को हालांकि, अपने इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रत्येक चुनाव में भारी मशक्कत करनी पड़ती है।
चुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के साथ चुनावी तैयारियों की समीक्षा के दौरान इन सभी मुद्दों को प्रमुखता से परखा था। साथ ही स्थानीय प्रशासन को इसे लेकर सख्त हिदायत भी दी है। अब जब चुनाव की घोषणा हो चुकी है, ऐसे में आयोग ने सभी राज्यों से चुनावी तैयारियां का अंतिम ब्लूप्रिंट मांगा है, जो अधिकांश राज्यों से आ गया है। इसके तहत जिन राज्यों में मतदाताओं तक पोलिंग पार्टियों को पहुंचाने के लिए बड़े स्तर पर हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाएगा, उनमें छत्तीसगढ़ व झारखंड प्रमुख है।
छत्तीसगढ़ व झारखंड के दर्जनभर से अधिक जिलों के करीब दो सौ बूथों पर पोलिंग पार्टियों को हेलीकॉप्टर से भेजने की तैयारी है। इसके लिए वायु सेना, बीएसएफ आदि की मदद ली गई है।आयोग इसके साथ ही पश्चिम बंगाल, केरल,असम व पूर्वोत्तर के कई राज्यों में पोलिंग पार्टियों को बूथों तक पहुंचाने के लिए हाथियों की सेवाएं ली है। अकेले पश्चिम बंगाल में पांच जिले के करीब 170 बूथों पर पोलिंग पार्टियों को हाथियों के जरिए पहुंचाया जाएगा, क्योंकि वहां जंगल के रास्ते ही जाना है और आवागमन के लिए हाथी ही सबसे सटीक माध्यम है। इसके लिए वन विभाग को विशेष तैयारी के निर्देश दिए गए है।इसके साथ ही बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा सहित दर्जन भर राज्यों के कई जिलों में पोलिंग पार्टियों को पहुंचाने के लिए नाव का इंतजाम भी किया गया है। आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, इनमें से अधिकांश बूथों पर पहुंचने के लिए सुरक्षा कारणों से हेलीकाप्टर, हाथी व नावों का इस्तेमाल किया जाता है।