महासमुंद : छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा हाईकोर्ट के मामलों की सुनवाई के बाद आज औचक निरीक्षण हेतु महासमुंद पहुंचे। उनके द्वारा न्यायालय परिसर के समस्त कक्षों, पार्किंग, गार्डन, अधिवक्ताओं व पक्षकारों हेतु उठने-बैठने की व्यवस्था इत्यादि का निरीक्षण किया गया। न्यायालय की अधोसंरचना पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया। निरीक्षण में गार्डन का रख-रखाव उचित नहीं पाये जाने पर इसे सुधार हेतु आवश्यक निर्देश दिये। महामसुंद जिले के जिला एवं सत्र न्यायाधीश भीष्म प्रसाद पाण्डेय से लंबित प्रकरणों की जानकारी ली। जिस पर उन्होंने अवगत कराया कि वर्तमान में कुल 13,997 प्रकरण लंबित है। मुख्य न्यायाधीश ने लंबित जमानत आवेदनों की भी जानकारी ली। जिला एवं सत्र न्यायाधीश महासमुंद ने जानकारी दी कि जमानत आवेदन पत्रों पर त्वरित सुनवाई की जा रही है। पुराने प्रकरणों को भी प्राथमिकता के साथ निराकृत करने हेतु निर्देशित किये गए। जिला एवं सत्र न्यायाधीश महासमुंद द्वारा जानकारी दी गयी कि वर्तमान में 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के कुल 1200 प्रकरण लंबित है। मुख्य न्यायाधीश ने इन 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट व ऐसे प्रकरण जिनमें राजीनामा हो सकता है,उन्हें भी निराकरण हेतु निर्देशित किया गया। मुख्य न्यायाधीश ने निर्देशित किया कि प्रकरणों में अनावश्यक स्थगन न दिये जायें। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं से भी चर्चा की व उनकी समस्याएं सुनी। औचक निरीक्षण में उनके साथ रजिस्ट्रार जनरल अरविन्द कुमार वर्मा तथा एडिशनल रजिस्ट्रार कम पीपीएस एम.टी. एल एन सुब्रहमन्यम भी उपस्थित रहे।