अंबिकापुर: कोरिया जिले में एनजीटी के द्वारा पारित आदेश निर्देश का पालन किए बिना एवं अवैध रेत उत्खनन एवं खनिज भंडारण के संबंध में उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में सरगुजा सोसायटी फार जस्टिस के द्वारा जनहित याचिका प्रस्तुत की गई।
अधिवक्ता डी०के० सोनी के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज प्राप्त किया गया तथा प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर खनिज भंडारण हेतु जारी अनुज्ञप्ति आदेश क्रमांक 3731 बैकुंठपुर 31दिसंबर 2020 के माध्यम से श्यामसुंदर जलोदिया आत्मज राम जीवन जलोदिया निवासी विद्यानगर जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ को ग्राम मनवारी पंचायत मनवारी तहसील केल्हारी जिला कोरिया स्थित निजी भूमि स्वामी सेमवती के भूमि पर भंडारण की अनुज्ञप्ति जारी की गई है अनुज्ञप्ति जारी करने के पूर्व निम्नलिखित तथ्यों को दरकिनार किया गया है, तथा राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) नई दिल्ली द्वारा प्रकरण क्रमांक ओ.ए. 17/2019 में 26 नवंबर 2019 को पारित आदेश का उल्लंघन किया गया क्योंकि उक्त आदेश में स्पष्ट किया जाता है कि रेत खनिज के भंडारण हेतु कोई भी अनुज्ञा किसी नदी, नाले, अथवा जलाशयों के 5 किलोमीटर की सीमा के अंदर स्वीकृत ना की जाए। परंतु एनजीटी के द्वारा निर्देश प्राप्त होने के बाद भी कोरिया जिले में जारी सभी अनुज्ञा बिना एनजीटी के निर्देश के पालन किए ही जारी कर दिए गए हैं जारी किए गए सभी अनुज्ञा एनजीटी के गाइडलाइन के विपरीत है।
एनजीटी के गाइडलाइन का पालन अनुज्ञा जारी करने के पूर्व नहीं किया गया है। अतः एनजीटी के द्वारा वर्णित निर्देश दिनांक से आज दिनांक तक जारी किए गए समस्त अनुज्ञा के भंडारण स्थल की भौतिक स्थिति की जांच कराकर एनजीटी के नियमों के निर्देशों के विपरीत जारी भंडारा अनुज्ञा को निरस्त करने का कष्ट करें, साथ ही एनजीटी के गाइडलाइन/निर्देशों की अवहेलना करते हुए जारी किए गए अनुज्ञा के संबंध में जिम्मेदार और दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरुद्ध जांच कराकर अग्रिम एवं उचित कार्यवाही करने का कष्ट करें।
जिस भूमि पर भंडारण के अनुज्ञप्ति जारी की गई है यह भूमि खसरा नंबर 71 छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में 17 मई 2010 से बंधक है तथा उक्त भूमि में महुआ का पेड़ होना भी वर्णित है, उपरोक्त भूमि के खसरा, नक्शा में उक्त भूमि कृषि भूमि में दर्ज है जबकि भंडारण के लिए इस भूमि का उपयोग किया जा रहा है तो नियमानुसार भूमि का डायवर्शन व्यवसायिक होना चाहिए क्योंकि भूमि व्यवसायिक उपयोग के लिए उपयोग की जा रही है।
भंडारण की अनुमति 31 दिसंबर 2020 को खनिज अधिकारी जिला कोरिया के द्वारा जो प्रदान की गई है उसमें यह शर्तें दी गई है कि अस्थाई भंडारण स्थल को पक्के तार, फेंसिंग या ईट की दीवार से घेरा जाना होना लेकिन मौका स्थल के फोटो एवं वीडियो से यह प्रमाणित है कि अस्थाई भंडारण स्थल पर किसी प्रकार से फेंसिंग नहीं किया गया है और ना ही भंडारण स्थल पर भंडारण संबंधित कोई बोर्ड ही लगाया गया है जो नियमों के विपरीत है।
भंडारण स्थल आबादी क्षेत्र में हैं और कच्ची सड़क आवागमन के लिए हैं जिससे पर्यावरण एवं आसपास के लोगों को भी स्वास्थ संबंधी सुविधाएं होने की आशंका बनी हुई है।
इसी प्रकार से कोरिया जिले के दो अन्य भंडारण अनुज्ञप्ति में भी अनियमितताएं हैं जो कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला कोरिया के द्वारा जारी आदेश क्रमांक 1490 बैकुंठपुर दिनांक 27 दिसंबर 2021 में विकास प्रताप सिंह एंड कंपनी प्राइवेट ग्राम बिछिया टोला ग्राम पंचायत केल्हारी एवं कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला कोरिया के द्वारा जारी आदेश क्रमांक/ 191 5 फरवरी 2021 के माध्यम से परमेश्वर आत्मज रामकुमार निवासी तेंदूडांड ग्राम तेंदूडांड पंचायत तेंदूडांड में जारी अनुज्ञप्ति में भी कई प्रकार की अनियमितताएं बरती गई है इन भंडारण के लिए भी जारी अनुज्ञप्ति आदेश को जारी करने के पूर्व एनजीटी के गार्डलाइन एवं अन्य मापदंडों का पालन नहीं किया गया है।
शासन, प्रशासन से मिलीभगत कर खनिज माफियाओं के द्वारा पर्यावरण को असंतुलित कर रहे हैं तथा रेत की निकासी अवैध तरीके से करते हुए गलत तरीके से भंडारण किया जा रहा है साथ ही साथ खनिज भंडारण की जितनी मात्रा की अनुमति प्रदान की गई है उससे कई गुना अधिक भंडारण किया गया है जो कि खनिज भंडारण हेतु दिए गए अनुज्ञप्ति के शर्तों का भी साफ तौर पर उल्लंघन कर रहे हैं।
खनिज भंडारण अनुज्ञप्ति में जो शर्ते दी गई हैं कि सुरक्षा एवं प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था किया जाएगा लेकिन मौके पर कोई भी सुरक्षा एवं प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था नहीं है इसके साथ ही साथ सुरक्षा व्यवस्था के लिए अग्निशामक यंत्र भी रखने का नियम है लेकिन उसे भी नजर अंदाज कर कोई भी अग्निशामक यंत्र किसी भी खनिज भंडारण स्थल पर नहीं है जो कि अस्थाई भंडार/प्रसंस्करण/क्रॉसिंग के लिए अनुबंध अभिलेख विलेख का स्पष्ट उल्लंघन है।
उपरोक्त दस्तावेजों एवं शिकायत के आधार पर उच्च न्यायालय में अधिवक्ता एस०के० डांगी के माध्यम से डब्ल्यू पी पी आई एल 127/2022 सरगुजा सोसायटी फॉर फास्ट जस्टिस प्रति छत्तीसगढ़ शासन अन्य प्रस्तुत किया गया जिसमें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरूप कुमार गोस्वामी एवं न्यायाधीश संजय अग्रवाल की बेंच में 20 अक्टूबर 2022 को सुनवाई हुई जिसमें सरगुजा सोसायटी फॉर फास्ट जस्टिस अध्यक्ष डी०के० सोनी के द्वारा प्रस्तुत जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदार को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।