बलरामपुर: लोकसभा निर्वाचन 2024 में जिले के मतदान प्रतिशत में तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में कुल 05 लाख 64 हजार 386 मतदाता पंजीकृत हैं, इनमें से 04 लाख 55 हजार 827 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपायोग किया। जिले के मतदान प्रतिशत की बात करें तो वोटर टर्नआउट के साथ राज्य में तीसरे एवं संसदीय निर्वाचन क्षेत्र सरगुजा में 80.89 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर रहा। साथ ही इस बार लोकसभा चुनाव को लेकर विशेष पिछड़ी जनजाति के मतदाताओं में काफी उत्साह देखने को मिला। पहाड़ी कोरवा बाहुल्य क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों में 82.06 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी  रिमिजियुस एक्का के निर्देशन में जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति समूह वाले बसाहटों को चिन्हांकित कर उन्हें मतदाता सूची में शामिल करने के लिए विशेष शिविर का आयोजन किया गया था। इसके साथ ही भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन तिथियों के घोषणा के साथ ही इन बसाहटों के लोगों को मतदान की प्रक्रिया से जोड़ने के लिए वृहद स्तर पर चरणबद्ध तरीके से मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया था। जिले में मतदान सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के साथ ही संसदीय क्षेत्र सरगुजा लोकसभा के अंतर्गत बलरामपुर-रामानुजगंज जिला में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में मतदान के सुखद आंकड़े सामने निकलकर आये हैं। जिले में निवासरत आदिवासी बाहुल्य समाज के लोगों ने बढ़-चढ़ कर मतदान किया, जिससे लोकसभा क्षेत्र में आने वाले अन्य जिलों की तुलना में मतदान का प्रतिशत अधिक रहा। जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में कुल 99 मतदान केन्द्र बनाएं गये थे। जिनमें 11 हजार 522 विशेष पिछड़ी जनजाति के मतदाता शामिल हैं। जिसमें से 05 हजार 962 महिला एवं 05 हजार 830 पुरुष मतदाता हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य क्षेत्र विधानसभा 07-रामानुजगंज अंतर्गत 83.44 प्रतिशत मत पड़े वही विधानसभा 08-सामरी अंतर्गत 81.94 प्रतिशत लोगो ने अपने अधिकारों का प्रयोग किया।

साल न्यौता पत्र से दिया गया था मतदाताओं को मतदान का निमंत्रण

विदित हो कि जिला प्रशासन ने विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए स्वीप (सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता) कार्यक्रम के अन्तर्गत विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर मतदान के महत्व को रेखांकित करते हुए मतदान के लिए प्रेरित किया गया था। चुनाव के पूर्व ‘‘साल पत्र न्योता‘‘ अभियान के माध्यम से समूह की महिलाएं घर-घर जाकर लोगों को मतदान के लिए पीले चावल (अक्षत) के माध्यम से आमंत्रित किया था। साथ ही विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के लोगों को आकर्षित करने के लिए कुसमी विकासखण्ड के सेमरा में मतदान केन्द्र को आदिवासी संस्कृति के आधार पर बनाया गया था। आदिवासी संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए इस मतदान केन्द्र ने लोगों के मन को अपनी ओर आकर्षित किया।

ग्राम जवराही में 96 प्रतिशत, तो ग्राम करूडीह में 78 प्रतिशत से अधिक पडे़ मत

चुनाव से पहले कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां बहिष्कार की खबरे उठती नजर आ रही थी कुरूडीह एवं ग्राम पंचायत सेन्दूर के आश्रित ग्राम जवराही के निवासियों को प्रशासन द्वारा ग्रामवासियों के साथ चौपाल लगाकर समझाया गया कि चुनाव देश के लोकतांत्रिक प्रक्रिया का महत्वपूर्ण अंग है जिसमें सभी की सहभागिता आवश्यक होती है साथ ही सभी ग्रामवासियों को अपने अधिकारों का प्रयोग अवश्य करने की अपील भी की। जिसके परिणाम स्वरूप मतदान दिवस उन क्षेत्रों में प्रातः से मतदान केन्द्रों मतदाताओं की लंबी कतारें देखने को मिली। प्रशासन के इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि इन गांवों में मत प्रतिशत अच्छा रहा। ग्राम कुरूडीह में 78.58 प्रतिशत तो वहीं जवराही में 96.51 मत प्रतिशत रहा।

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