अंबिकापुर: नेहरू युवा केन्द्र सरगुजा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार व छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में अनिरुद्ध सिंगारे , जिला युवा अधिकारी के मार्गदर्शन में लुंड्रा विकासखंड के गंगापुर में 01 नवंबर 2022 को एकदिवसीय शाला त्यागी युवा कार्यक्रम के अंतर्गत एच.आई.वी./एड्स के रोकथाम एवं जागरूकता हेतु संवेदीकरण प्रशिक्षण का आयोजन किया गया उक्त कार्यक्रम में बड़ी संख्या में हारमनी युवा मंडल के सदस्य एवं गांव के अन्य लोग उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हेमंत उपाध्याय (संयुक्त संचालक,शिक्षा विभाग सरगुजा संभाग, अतिथि के रूप में गंगापुर के सरपंच प्रतिनिधि रितेश पैंकरा, उप सरपंच दिलीप प्रजापति एवं लेज़र अस्पताल की डॉ अपेक्षा सिंह प्रशिक्षक के रूप में रहीं। कार्यक्रम में मुख्यतः एच.आई.वी./एड्स के रोकथाम एवं जागरूकता, रक्तदान जागरूकता, एच.आई.वी./एड्स के प्रति भेदभाव व एड्स हेल्पलाइन हेतु टोल फ्री नंबर 1097 चर्चा हुई एवं प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।
इस कार्यक्रम की शुरुवात अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित करके हुई, सर्वप्रथम में जिला युवा अधिकारी अनिरुद्ध सिंगारे ने नेहरू युवा केंद्र का परिचय दिया एवं कार्यक्रम का उद्देश्य बताया। मुख्य अतिथि हेमंत जी ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा की “एच.आई.वी./एड्स जैसे संवेदनशील विषय पर जागरूकता केवल 50 लोगों के ज़रिये नहीं फैलाई जा सकती अतः आप सभी 50 प्रशिक्षुओं को हम दूत के रूप में देखते हैं एवं उम्मीद करते हैं की आज प्रशिक्षण में प्राप्त जानकारी आप ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुचायेंगे।” प्रशिक्षक डॉ अपेक्षा सिंह ने बताया की एच.आई.वी./एड्स मुख्यतः तीन तरल के कारण फैलता है क्रमशः रक्त, माँ का दूध एवं यौन तरल। कार्यक्रम का संचालन हारमनी युवा मंडल के अध्यक्ष वेदांत चतुर्वेदी ने किया। सभी प्रशिक्षुओं को नेहरू युवा केन्द्र सरगुजा की तरफ से प्रिंटेड बुकलेट,नोटपैड,पेन, प्रमाण पत्र एवं टोपी का वितरण किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में नेहरू युवा केंद्र सरगुजा के राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक बलवीर सिंह, युवा मंडल सदस्य महेश, हारमनी युवा मंडल से ऋषभ पांडेय व सशंक सिन्हा अहम भूमिका रही।
इस कार्यक्रम को समापन की ओर ले जाते हुए अतिथियों को स्मृति चिन्हः देकर सम्मानित किगया गया अंत में सभी प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण के प्रति अपने विचार स्टिकी नोट में लिखकर दिवार पर चिपकाये एवं कार्यक्रम के पश्चात युवा मंडल का गठन किया गया।