आज होली यानी रंगों का त्योहार है। आप अपने परिवार के लोगों और दोस्तों के साथ होली खेलिए। एक दूसरे को रंग लगाइए, लेकिन सेहत का ख्याल रखते हुए। क्योंकि ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में रंग बनाने वाली कंपनियां इसमें मिलावट कर रही हैं। इस वजह से हमारी स्किन और आंखों पर बुरा असर पड़ता है।
ऐसे ही एक वाकया मेरे दोस्त के साथ हुआ जब होली खेलने के दौरान उसकी आंखों में जहरीले केमिकल से बना सिंथेटिक रंग चला गया। लंबे समय तक उसे इलाज करवाना पड़ा।
होली खेलते वक्त आपको किस तरह से अपनी आंख और कान को बचाना है। सिंथेटिक रंग का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना है। अगर कोई आपको जबरदस्ती नकली रंग लगा रहा है तो उसका साफतौर से विरोध करना है।
रंग खेलते वक्त क्या सावधानी बरतें?
. आरामदायक सूती कपड़े पहनें
. बिना फिसलन वाले जूते पहनें।
. भांग व शराब न पिएं।
. अपने आप को हाइड्रेट रखें।
. रंगों से कोई एलर्जी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
. रंग खा लिया है तो उल्टी न करें, मुंह धोकर डॉक्टर के पास जाएं।
. पूरे शरीर पर नारियल का तेल लगाएं
आंखों को रंग से कैसे बचाएं?
. होली खेलते वक्त चश्मा लगाएं जिससे आंखों में रंग न जा पाए।
. आंखों का अच्छे से ध्यान रखें, सिंथेटिक रंगों से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है।
. कॉन्टैक्ट लेंस को निकालकर होली खेलें, उसमें रंग फंस सकता है, जिससे खतरनाक केमिकल आंखों को चोट पहुंचा सकता है।
. पानी के गुब्बारों से आंखों का बचाव करें, उससे गंभीर
.चोट पहुंच सकती है। इससे कॉर्नियल आंसू, दर्दनाक मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और रेटिना डिटैचमेंट हो सकता है।
होली खेलने के दौरान कान को कैसे सुरक्षित रखें?
होली खेलने से पहले ऑलिव ऑयल या सरसों का तेल हल्का गुनगुना करके दो-दो बूंद अपने कानों में डाल लें। उसके बाद ऊपर से रूई (कॉटन) को लगाकर कान बंद कर दें, लेकिन इतना अंदर न लगाएं कि कॉटन कान के अंदर ही चला जाए।
प्रेग्नेंट और स्तनपान कराने वाली औरतें क्या करें?
सिंथेटिक होली के रंगों में हानिकारक पदार्थ होते हैं। स्किन और रेस्पिरेटरी सिस्टम के अंदर जैसे ही ये जाते हैं, गंभीर रिएक्शन और एलर्जी क्रिएट करते हैं। कई बार ब्लड के जरिए भी रंग गर्भ में पहुंच जाते हैं। इससे बच्चे का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो जाता है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाओं को रंग खेलने से बचना चाहिए। बेहतर होगा वे सिर्फ तिलक लगाकर ही होली सेलिब्रेट करें।