बेंगलुरु। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने युवाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पूरे प्रदेश में हुक्के पर प्रतिबंध का ऐलान किया है। एक्स पर एक पोस्ट में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “सार्वजनिक स्वास्थ्य और युवाओं की रक्षा के लिए हुक्का पर राज्यव्यापी प्रतिबंध। हुक्का धूम्रपान से जुड़े गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए हमने राज्य भर में हुक्का धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाकर निर्णायक कार्रवाई की है।”
उन्होंने कहा, “हुक्का धूम्रपान से जुड़े गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए हमने पूरे राज्य में हुक्का धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाकर निर्णायक कार्रवाई की है। इस चिंता के आलोक में हम सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) में संशोधन करके कर्नाटक में हुक्का धूम्रपान पर प्रतिबंध लागू कर रहे हैं। हमारी सरकार हमारी भावी पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए काम कर रही है।”
कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई को डब्ल्यूएचओ ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे -2016-17 (जीएटीएस -2) के चौंकाने वाले डेटा का समर्थन प्राप्त है, जिसमें कहा गया है कि कर्नाटक में 22.8 प्रतिशत वयस्क तंबाकू का उपयोग करते हैं, जिनमें से 8.8 प्रतिशत धूम्रपान करने वाले हैं।
रिपोर्ट से पता चलता है कि 23.9 प्रतिशत वयस्क सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान के संपर्क में आते हैं, जो राज्य में तंबाकू सेवन के व्यापक खतरे को दर्शाता है। यह प्रतिबंध पिछले साल कोरमंगला में एक हुक्का बार में आग लगने की घटना की पृष्ठभूमि में भी लगाया गया है, जिसमें आग और सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया था।
कर्नाटक सरकार ने हुक्का बिक्री और उपभोग पर प्रतिबंध की घोषणा करते हुए अपनी अधिसूचना में कहा, “हुक्का बार राज्य में आग के खतरों का कारण है और राज्य अग्नि नियंत्रण और अग्नि सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन करता है। होटल-बार और रेस्तरां में हुक्के का सेवन खाद्य पदार्थों को सार्वजनिक उपभोग के लिए असुरक्षित बनाता है और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।”
अधिसूचना में कहा गया,”सामान्य तौर पर हुक्का उत्पादों की बिक्री, खपत और विज्ञापन, जिन्हें हुक्का तम्बाकू या निकोटीन के रूप में जाना जाता है – जिसमें निकोटीन-मुक्त, तम्बाकू-मुक्त, स्वादयुक्त, बिना स्वाद वाला हुक्का गुड़, शीशा और अन्य सामान नाम होते हैं, और उसी का उत्पादन, खरीद, व्यापार होता है। राज्य में सार्वजनकि स्वास्थ्य के हित में तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है।”