बलरामपुर: बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ में गलत इलाज के कारण एक महिला की जान चली गई। 40 वर्षीय गायत्री मिंज, जो जगीमा हॉस्टल में अधीक्षिका के पद पर तैनात थीं, पाइल्स की समस्या से जूझ रही थीं। इलाज के लिए वह बुधवार शाम अपने पति के साथ शंकरगढ़ के लक्ष्मी मेडिकल स्टोर पहुंची थीं।
मेडिकल संचालक ने बिना डॉक्टर के लगाया इंजेक्शन
मेडिकल स्टोर संचालक अशोक बंगाली ने बिना किसी डॉक्टर की सलाह के गायत्री को दर्द निवारक इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगते ही गायत्री के हाथ-पैर में सूजन शुरू हो गई और उनकी हालत तेजी से बिगड़ने लगी। परिजन गंभीर हालत में उन्हें अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
मेडिकल स्टोर पर बिना डॉक्टर इलाज का आरोप
स्थानीय लोगों के मुताबिक, लक्ष्मी मेडिकल स्टोर पर बिना किसी योग्य डॉक्टर के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। मृतका के परिजनों ने शंकरगढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस घटना की सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। सीएमएचओ डॉ. बसंत सिंह ने बीएमओ को निर्देश देते हुए कहा कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम घटनास्थल का निरीक्षण करेगी।
मृतका के पति ने बताया कि गायत्री पाइल्स के दर्द से परेशान थीं, इसलिए उन्हें लक्ष्मी मेडिकल स्टोर ले जाया गया। वहां संचालक अशोक बंगाली ने खुद इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन के बाद गायत्री के शरीर में झुनझुनी और सांस लेने में तकलीफ शुरू हो गई। मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
शंकरगढ़ थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मेडिकल संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इस घटना ने जिले में झोलाछाप डॉक्टरों और बिना लाइसेंस मेडिकल स्टोर्स की गतिविधियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।