पटना। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व पंचायतीराज मंत्री डा. भीम सिंह ने रविवार को ग्राम कचहरी के प्रति सरकार की उदासीनता को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिहार के ग्राम पंचायतों में ग्राम कचहरी एक यूनिक व्यवस्था है, लेकिन दुर्भाग्य है कि पंगु होती जा रही है।

भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार एक मामले में सर्वोच्च न्यायालय में शपथ पत्र देकर कहती है कि ग्राम कचहरी अच्छा काम कर रही है। लेकिन सरकार की उदासीनता से यह मृतप्राय हो गई है।

उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम 2006 के तहत ग्राम कचहरियों को कई अधिकार दिए गए हैं। विशेष कानून के साथ आईपीसी की 40 धाराओं के तहत पंच-सरपंचों को अधिकार प्राप्त है। ग्राम कचहरियों के अधिकारों में बढ़ोतरी होनी चाहिए , लेकिन जो अधिकार दिए गए उसे भी कार्यान्वित करने की व्यवस्था नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि ग्राम कचहरियों में सैकड़ों पद रिक्त हैं। निर्विरोध चुने जाने की स्थिति में भी लोग नामांकन नहीं कर रहे। राज्य सरकार की अनदेखी के कारण लोगों में ग्राम कचहरी को लेकर उत्साह नहीं है क्योंकि यहां न कार्य है, न कोष है और न ही कर्मी हैं।

पूर्व मंत्री ने कहा कि आज प्रदेश के पंच , सरपंच और उप सरपंच अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो 12 जनवरी को सामूहिक इस्तीफा दे देंगे। सरकार उनसे 31 दिसंबर तक समय मांगी है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1.25 लाख जनप्रतिनिधि आंदोलनरत हैं और इस्तीफा देने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार से मांग करती है कि आंदोलनरत पंच, सरपंच, उप सरपंच के संघ को सरकार वार्ता के लिए बुलाए और उनकी समस्या के समाधान की कोशिश करे।

10 वर्ष पूर्व 13 दिसंबर 2013 को सरकार ने ग्राम कचहरी में सुधार के लिए 20 सूत्री कार्य योजना बनाई थी और इसकी घोषणा सदन में की गई थी, लेकिन इसमें एक भी पूरी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इसके तहत पगड़ी देने, मानदेय बढ़ाने, इंश्योरेंस कराने तक की व्यवस्था देने की बात घोषणा हुई थी। उन्होंने कहा कि अगर ग्राम कचहरी की व्यवस्था सही हो तो न्यायालयों पर बोझ कम होगा, लेकिन यह सरकार अक्षम है और हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है।

उन्होंने कहा कि अगर 12 जनवरी को इतनी बड़ी संख्या में जन प्रतिनिधि इस्तीफा दे देंगे तो प्रदेश में वैधानिक संकट उत्पन्न हो जाएगा। इस प्रेस वार्ता में प्रदेश मंत्री अनिल ठाकुर के अलावा कई प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित थे।

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