बलरामपुर: बलरामपुर जिले के राजपुर सहायक जिला लोक अभियोजन केशव प्रसाद रजक ने बताया कि न्यायाधीश आकांक्षा बेक ने दहेज में कार मांगने वाले पति, देवर व भाभी को 2-2 महीने की सजा सुनाई।

सहायक जिला लोक अभियोजन केशव प्रसाद रजक ने बताया कि चंचला कामरे ने सन 2016 में पुलिस थाना शंकरगढ़ में केस दर्ज कराई थी कि इसका विवाह 16 जुलाई 2010 को ग्राम चिरई के डॉ. अवधेश सिंह के साथ सामाजिक रीति-रिवाज के अनुसार हुआ था विवाह के समय उसके पिता ने पैशन प्रो बाइक, फ्रिज, कूलर, टीव्ही, पलंग इत्यादि घरेलू सामान करीब 2 लाख 50 हजार रुपए का और 2 लाख 51 हज़ार रुपए नगद दिए थे। शादी के बाद वह अपने ससुराल चिरई आई जहां एक सप्ताह तक ठीक से रही। इसके बाद उसके पति डॉ. अवधेश ने स्वीफ्ट डीजायर कार की मांग अपने पत्नी चंचला कामरे से करने लगा तथा उसके भाई सुधीर सिंह व उसकी भाभी गणेश्वरी सिंह के ने स्वीफ्ट डिजायर कार की मांग चंचाला कामरे के माता-पिता से अम्बिकापुर फुदूलडिहारी में मांग किए थे। चंचला कामरे के माता-पिता ने तत्काल में कार देने से मना कर दिया था तथा भविष्य में उनके पास पैसा हो जाने पर डॉ. अवधेश सिंह को कार खरीदने पर सहयोग करने बात बोले थे। इसी बीच आरोपी डॉ. अवधेश के द्वारा पत्नी चंचला कामरे से बार-बार कार की मांग करता था तथा मांग पूरी नही होने पर उसे कमरे में बंद कर उसके साथ मार-पीट करता था, इसके बाद घर से भगा दिया था। चंचला कामरे अपने माता-पिता के साथ अम्बिकापुर में रह रही है। न्यायधीश आकांशा बेक ने डॉ. अवधेश सिंह पिता खस राम( 42), सुधीर कुमार सिंह पिता खसरू राम (48) व गणेश्वरी सिंह पति सुधीर कुमार सिंह (40) सभी निवासी फुन्दुरडिहारी बीचपारा अंबिकापुर को 2-2 माह व 3000-30000 हजार रुपए से दंडित किया।

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