बारिश से पहले सिविलदाग डेम का मेन गेट नही बनने पर खेतों में भरेगा जलाशय का पानी

कुसमी/कुंदन गुप्ता: सिविलदाग जलाशय का मुख्य द्वार पिछले 5 वर्षों से जर्जर हो चुका है। जर्जर हो चुके जलाशय के मरम्मत एवं सुधार कार्य के लिए शासन से 1.06 करोड़ की तकनीकी स्वीकृति दी गई है। जिसका नवंबर महीने ने संसदीय सचिव चिंतामणी महाराज ने अधिकारियों की उपस्थिति में भूमिपूजन भी किया। परंतु हालत अब ऐसे है की निर्माण एजेंसी ने मुख्य द्वार खोद कर छोड़ दिया है। और कई महीनो से काम बंद पड़ा है। यदि यही हालात रहे तो डेढ़ महीने बाद बारिश के मौसम में कई किसानो के खेत में लगी फसल के साथ-साथ उनके मकान एवं खलिहान व रास्ते भी पानी में डूब सकते है। परंतु अचरज की बात है की इतनी बड़ी आपदा की आशंका होने के बाद भी शासन-प्रशासन इसकी अनदेखी करके खतरे का इंतज़ार कर रहा है।

दरअसल जर्जर हो चुके सिविलदाग जलाशय के मरम्मत व सुधार कार्य के लिए शासन से 1.06 करोड़ की स्वीकृती मिली है। जिसे ठेका कंपनी द्वारा करीब 40 प्रतिशत बिलों में निर्माण कार्य लिया है। करीब छह महीने हो जाने के बाद निर्माण एजेंसी द्वारा धीमी गति से कार्य करते हुए मुख्य द्वार को खोद कर छोड़ दिया है व कई महीने से निर्माण कार्य भी बंद पड़ा हुआ है। वही निर्माण कार्य में करीब दो महीनो का लेबर भुगतान भी मजदूरो को नही किया गया है। जिससे कारण आसपास के मज़दूर भी निर्माण कार्य में नही जा रहे है। वर्तमान हालात इतने खराब हो चुके है कि जलाशय से किसानों को फसल पैदा करना तो दूर वे अपने खेतों को डूबने से बचाने की जुगत में लगे हैं। ऐसे में सिविलदाग जलाशय अंतर्गत आने वाले किसान अपने खेतों से साथ-साथ चार गाँवों का रास्ता बारिश के मौसम में डूबने की चिंता में डूबे हुए है।

जलाशय निर्माण बना परेशानी का सबब

सिंचाई विभाग एवं ठेकेदार की मिलीभगत के कारण सिविलदाग जलाशय से किसानों के खेत में पानी पहुँचाने के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है। बारिश के पूर्व निर्माण कार्य पुर्ण नही होने से किसानों के कई एकड़ खेत डूबने के साथ ख़ैरवारपारा, बरटोली, काँटासारू व बन्दाकोना गाँव का आवागमन बंद हो जाएगा।

मरम्मत के नाम पर की गई खानापूर्ति

सिंचाई विभाग एवं ठेकेदार की मिलीभगत के विकासखंड में जलाशय से नहरों में कभी भी पर्याप्त पानी की आपूर्ति नही की गई। इसके कारण नहरें हमेशा सूखी नजर आती थी। इन नहरों में पानी की जगह खरपतवार का जमावड़ा दिखाई देता है। नहरें कभी भी किसान के खेतों की प्यास बुझाने में मददगार साबित नही हुई। यही कारण हैं की नहरों की मरम्मत के नाम पर सिंचाई विभाग के चहेते ठेकेदार एवं संबधित अधिकारी-कर्मचारी हर साल मालामाल ज़रूर हुए है।

बारिश के पूर्व हो जाएगा निर्माण कार्य पूर्ण

सिविलदाग जलाशय के मुख्य गेट का निर्माण कार्य बारिश के पूर्व पूर्ण कर लिया जाएगा। निर्माण कार्य लगातार जारी है। किसानों को बारिश में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नही होगी।

बीके त्रिपाठी, प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन विभाग उपसंभाग कुसमी

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