बलरामपुर: सरगुजा संभाग में कोल माफिया के सामने अफसर नतमस्तक हैं। बलरामपुर जिले के राजपुर के नरसिंहपुर तुराझरिया जंगल के भीतर कोल माफिया अवैध कोयला खनन कर रहे हैं। इसकी जानकारी अफसरों को भी है, लेकिन अब तक अफ़सर माफिया को नहीं पकड़ सके हैं। यही वजह है कि सुबह और शाम ढलते ही मजदूरों को खनन में लगा दिया जाता है और हर रोज 10-15 वाहनों के माध्यम से तस्करी की जा रही है इसकी जानकारी अफसरों को भी। अवैध कोयला खनन में कुछ सत्ताधारी नेताओं का नाम सामने आ रहा है।



राजपुर मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर ग्राम नरसिंहपुर के महान नदी से लगे तुराझरिया जंगल में कोल माफियाओं के द्वारा आसपास गांव के मजदूरों को लगाकर बड़े पैमाने पर कोयला का अवैध खनन कराया जा रहा है। मजदूर सुबह व शाम होते ही पहुंच जाते हैं और गड्ढे से कोयला निकालकर बाहर इकठ्ठा करते हैं। रात्रि व अलसुबह कोयला को लोड़ कर आसपास के ईंट भट्ठों में भेज रहे हैं। कोल माफियाओं के द्वारा ग्रामीणों को तीन टन कोयला लोड करने का तीन हजार रुपए देते हैं। वही कोयला को 20 से 22 हजार रुपए में बेच रहे हैं।



तस्करी कई साल से लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं

नरसिंहपुर के तुराझरिया व मरकाडांड के धजागिर क्षेत्र से कोयला खनन पिछले कई साल से चल रहा है, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं होने से कोल माफियाओं के हौसला बुलंद हैं। गांव के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले साल अफसरों को जानकारी दी थी, लेकिन कार्रवाई से पहले अफसर और कर्मचारियों द्वारा माफिया को जानकारी दे दी जाती है और जांच के नाम पर खानापूर्ति कर वे चले जाते हैं। अवैध कोयला को पिकअप, ट्रैक्टर, टिपर वाहन से आसपास क्षेत्र के ईट भट्ठों में पहुंचाया जा रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी

एसडीएम चेतन साहू ने कहा मामला प्रकाश में आया है मैं मौके पर खुद जाकर निरीक्षण करूंगा अवैध कोयला खनन पाए जाने पर कोल माफियाओं पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

थाना प्रभारी अमित गुप्ता ने कहा मुझे इसकी जानकारी नहीं है पता करवाता हूं अवैध कोयला खनन पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

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