आशीष कुमार गुप्ता
बतौली- सेदम: मैनपाट और बतौली सर्कल के 27 एकड़ घने जंगल अतिक्रमण मामले में जांच अधिकारी मौके पर पहुंची जहां ग्रामीणों की उपस्थिति में जांच कर दोषियों के ऊपर कारवाई करने की बात कही जा रही है।
संचार टुडे सीजीएमपी खबर का असर देखने को मिला जहां मैनपाट और बतौली सर्कल के 27 एकड़ घने जंगल पर अवैध कब्जा का मामला बड़ी प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशन किया गया था। जिस पर सीतापुर अनुविभागीय अधिकारी रवि राही द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल बतौली- तहसीलदार तारा सिदार, वन विभाग के एसडीओ पी सी मिश्रा, सीतापुर रेंजर विजय तिवारी, उद्यान विभाग के अधिकारी सहित पूरी वन अमला गया हुआ था जहां ग्रामीणों के समक्ष सूक्ष्मता के साथ मामले की जांच की गई। जांच टीम द्वारा 27 एकड़ घने जंगल अवैध कब्जा सही पाया गया जहां घेराव करने के लिए रखे गए खूंटा और फेंसिंग तार को वन विभाग द्वारा जपती बना अपने कब्जे में लिया गया ।साथ ही घने जंगल के सर्किल क्रमांक 9 /2470 को अवैध रूप से घेराव किए गए फेंसिंग तार और खूंटा को उखड़वा कर वन विभाग द्वारा अपने कब्जे में लिया गया है।जांच में यह तथ्य सही पाया गया कि पूर्व सरपंच द्वारा मैनपाट और बतौली सर्कल के 9 / 2470 कंपार्टमेंट में फर्जी तरीके से 5 एकड़ भूमि का पट्टा वन विभाग से मिली भगत कर बनवाया गया है जिसे जांच टीम द्वारा निरस्त करने हेतु बात कही जा रही है। लेकिन मैनपाट और बतौली सर्कल के घने जंगल के बीचो-बीच पूर्व सरपंच द्वारा पूरी दबंगई के साथ हरे भरे साल और सगौन के 100 से अधिक पेड़ों की बलि देकर अवैध अतिक्रमण कर फेंसिंग तार से घेराव किया गया था काटे गये साल और सगौन के लकड़ी को भी वन विभाग जब्त किया है लेकिन सवाल यह है कि घने जंगल में इतनी बड़ी अतिक्रमण की जा रही थी और वन विभाग को ग्रामीण द्वारा सूचना देने के बावजूद कुंभकरण नींद में सो रहे थे। इसके साथ ही घने जंगल के बीचो-बीच भूमि का पट्टा वन विभाग द्वारा पूर्व सरपंच को प्रदान करना सवालों को घेरे में है तथा उद्यान विभाग द्वारा भी चार मृत व्यक्ति के नाम फेंसिंग तार और खूंटा के लिए लोन पास कर देना बिना जांच किये पूर्व सरपंच राजनाथ को लोन प्रदान करना सवालों को घेरे में है जिससे कई अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
सरगुजा वन विभाग के लिए बड़ी गंभीर विषय है कि मैनपाट सहित बतौली सर्कल के घने जंगलों में किसके शह पर हरे भरे पेड़ों की कटाई कर ग्रामीण जनों द्वारा अतिक्रमण युद्ध स्तर पर किया जा रहा है जहां वन विभाग मुख्य दर्शन वन या मामले की जानकारी होते हुए भी कार्रवाई करने से पीछे भाग रहा है जिसके परिणाम स्वरूप आज भी ग्राम पंचायत करदाना से लगे बागपानी ,भूडूआमा, बिसरपानी, मडवासरई, के घने जंगलों में साल और सगौन की लकड़ी की अंधाधुंध कटाई और अतिक्रमण आज भी देखा जा सकता है जिसे वन विभाग का मिली भगत का है या फिर उनके द्वारा जंगल बचाने हेतु कोई विशेष पहल नहीं किया जा रहा है यह किसकी लापरवाही है जो सोचनीय है
जांच टीम में गई बतौली तहसीलदार तारा सिदार ने बताया कि अभी जांच प्रक्रिया चल ही रही है जो तथ्य सामने आए हैं उनमें घने जंगल में अवैध रूप से कब्जा पाया जाना और उद्यान विभाग द्वारा मृतकों के नाम पर लोन दिए जाना की बात सामने आई है फिलहाल जांच टीम द्वारा वन पट्टे के निरस्तीकरण तथा घेराव किए गए फेंसिंग तार और खूंटा को जब्त किया गया है।