धमतरी: आत्मसमर्पित नक्सली एवं नक्सल पीड़ित परिवारों को राज्य शासन की सुरक्षा एवं पुनर्वास के लिए गठित समिति की बैठक आज सुबह 10.30 बजे कलेक्टर श्री पी.एस. की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें पीड़ित एवं प्रभावित परिवारों की विभिन्न मांगों को लेकर चर्चा की गई। कलेक्टर ने समिति को प्राप्त विभिन्न मांगों के संबंध में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को निर्देशित किया कि अधिकतर मांगों का निराकरण शासन स्तर पर ही संभव है, जो कि मौजूदा नियमों में शिथिलता अथवा संशोधन के बिना संभव नहीं है, इसलिए आवेदनों में उल्लेखित मांगों का जिक्र करते हुए आयुक्त आदिवासी विकास को पत्र प्रेषित करें, जिस पर ठोस एवं उचित निर्णय लिया जा सके।

कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज सुबह आयोजित बैठक में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने बताया कि पीड़ित परिजनों के द्वारा बसाहट के लिए आबादी भूमि घोषित करने, कलेक्टर दर पर नियुक्त कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान मानदेय प्रदाय करने, पीड़ित परिवारों के बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए निजी स्कूलों में दाखिला देकर सभी व्यय शासन की ओर से करने, ग्रामीण बैंक में लिए गए केसीसी लोन की सम्पूर्ण राशि माफ कर इसकी जानकारी देने के संबंध में आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस पर कलेक्टर ने कहा कि आबादी भूमि घोषित किया जाना संभव नहीं है, किन्तु उन्हें वन अधिकार मान्यता पत्र के तहत पट्टा दिया जा सकता है। इस संबंध में सहायक आयुक्त ने बताया कि 24 आवेदनों में से पात्र 05 हितग्राहियों को पट्टे दिए जा चुके हैं तथा शेष प्रकरणों की समीक्षा की जा रही है।

बैठक में कलेक्टर ने नियमित कर्मचारी के अनुसार कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों के मानदेय दुगना करने तथा केसीसी ऋण माफी के लिए शासन से पत्राचार कर इस संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन लेने के लिए कहा। साथ ही निजी स्कूलों में बच्चों के दाखिला संबंधी मांग पर बच्चों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश सहायक आयुक्त को दिए, जिससे उनका दाखिला शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कराया जा सके। इस पर सहायक आयुक्त ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इस संबंध में जानकारी दी गई है कि उक्त अधिनियम के तहत पीड़ित परिवारों के पांच बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि प्रयास आवासीय विद्यालय में भर्ती की मांग समिति को प्राप्त हुई है, जिस पर वर्तमान नियमानुसार प्रवेश संभव नहीं है, क्योंकि वहां लिखित परीक्षा में प्रावीण्यता के आधार पर दाखिला दिया जाता है। इस पर कलेक्टर ने इस संबंध में भी आयुक्त आदिवासी विकास को पत्र लिखकर मांग से अवगत कराने के निर्देश सहायक आयुक्त को दिए। बैठक में जिला पंचायत की सी.ई.ओ. प्रियंका महोबिया, अपर कलेक्टर दिलीप अग्रवाल, एडीएम ऋषिकेश तिवारी सहित संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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