सूरजपुर: जहां लोग पैसा बचाने के लिए जमा करते हैं। वहां के मैनेजर धड़ल्ले के साथ ले रहे हैं घूस। जी हां क्रेडिट कार्ड जारी करने पर किसानों से किस कदर अवैध वसूली किया जाता हैं। इसका उदाहरण सूरजपुर जिले में मिला हैं, जब एक किसान से क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी के नाम पर किसान से रिश्वत मांगी गई… और किसान बैंक के चपरासी के हाथों मुंह मांगी रकम दे भी दिया। मामला जिले के प्रेमनगर ब्लॉक के ग्राम नवापारा कलां का हैं।
दरअसल, गांव के बेल्टीकिरीपारा का रहने वाला सुखलाल पिता जगमोहन राम जो की एक किसान हैं और खेतीबाड़ी का कार्य करते हैं। अब खेती करने का सीजन आ गया तो खेती करने के लिए उन्हें केसीसी की जरूरत हुई तो वह ग्राम के पंचायत भवन के पास स्थित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में अर्जी दी। किसान की अर्जी पर बैंक मैनेजर द्वारा 40,000 की केसीसी पास कर दिया। लेकिन, पास करने के एवज में उनसे रिश्वत की मांग की.. और किसान सुखलाल ने 40000 के केसीसी पर बैंक मैनेजर के कहने पर चपरासी को 8 हजार रूपए दे भी देता हैं। ये पैसा उस वक्त दिया जब अन्य सब खाताधारियों के बैंक के बाहर भेजने के बाद यानी की करीब 5 बजे। इस दौरान किसान सुखलाल के साथ गए हुए लोग को बैंक परिसर से बाहर भेज दिया गया था। सुखलाल के बैंक परिसर के बाहर आने के बाद मामला का खुलासा होता हैं।
इस संबंध में पीड़ित किसान सुखलाल पिता जगमोहन राम ट्राइबल इंडिया से बात करते हुए बताया कि, कल यानी 15 जून दिन गुरुवार को 11 बजे बैंक केसीसी के लिए गया था। 40 हजार का केसीसी भी पास हो गया था। बैंक मैनेजर द्वारा बैठने के लिए कहा गया। लंबी इंतजार के बाद बैंक छुट्टी के समय सभी खाताधारियों के बाहर निकल जाने के सुखलाल को अंदर ही रहने को बोला जाता हैं…और उनके साथ आए लोग को बाहर जाने के लिए बोल देते हैं। बैंक मैनेजर के कहने पर बाकी लोग बाहर चले जाते हैं। इस दौरान 40 हजार के केसीसी पर 8 हजार रूपए मांगा जाता हैं। और मुंह मांगी रकम किसान चपरासी के हाथो दे देता हैं। इस दौरान बैंक का चपरासी कहते हैं कि, पैसा उपर तक जाएगा।
इधर, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक अमित चक्रवर्ती इस मामले को सिरे से खारिज करते हुए कहते हैं कि, आरोप निराधार हैं। जितना भी किसानों का केसीसी हुआ हैं। उन सभी केसीसी में किसानों से किसी प्रकार की पैसे की मांग नहीं किया गया हैं। 40 हजार के केसीसी पर 8 हजार रूपए की मांग की हैं।
इस सवाल पर शाखा प्रबंधक कहते हैं कि, नई- नई ऐसा कुछ नहीं हैं। किसान का जितना भी पैसा हैं सारी पैसा उनके हाथ में दिया गया हैं। उन्होंने आगे कहा ऐसा किसी भी तरह का कोई मामला नहीं हैं। साथ में उन्होंने ने कहा ग्राहक से बात भी हो गया, वो किसी के बहकावे में आकर इस तरह बोला होगा। उसे डिक्लेअर हो गया हैं। ऐसा कोई मामला नहीं हैं।